दिल्ली की एक अदालत राष्ट्रीय जनता दल (आरजेडी) सुप्रीमो और पूर्व रेल मंत्री लालू प्रसाद यादव, उनके परिवार के सदस्यों और अन्य से जुड़े नौकरी के बदले जमीन लेने के मामले में आरोप तय करने पर आज अपना फैसला सुना सकती है।

पहले 10 नवंबर को आने वाला था फैसला
रॉउज एवन्यू कोर्ट यह तय कर सकती है कि चर्चित लैंड फॉर जॉब केस में आरजेडी प्रमुख और पूर्व रेल मंत्री लालू प्रसाद यादव और उनके परिवार के खिलाफ आरोप तय किए जाएं या नहीं। रॉउज एवन्यू कोर्ट इससे पहले 10 नवंबर को फैसला सुनाने वाली थी। 10 नवंबर को विशेष सीबीआई न्यायाधीश विशाल गोगने ने मामले में कथित संलिप्तता को लेकर लालू यादव और अन्य के खिलाफ सीबीआई द्वारा दायर मामले की सुनवाई करते हुए फैसले को चार दिसंबर तक के लिए टाल दिया था।
लालू-राबड़ी-तेजस्वी समेत अन्य पर दाखिल है चार्जशीट
यह मामला उस समय का है, जब लालू प्रसाद यादव 2004 से 2009 तक देश के रेल मंत्री थे। सीबीआई ने कथित घोटाले के सिलसिले में लालू यादव, उनकी पत्नी और बिहार की पूर्व मुख्यमंत्री राबड़ी देवी, उनके बेटे और पूर्व उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव और अन्य के खिलाफ आरोपपत्र दायर किया था।
जबलपुर में भर्ती के दौरान घोटाले के आरोप
अभियोजन पक्ष ने आरोप लगाया है कि मध्य प्रदेश के जबलपुर स्थित रेलवे के पश्चिम मध्य क्षेत्र में ग्रुप-डी श्रेणी में लालू यादव के रेल मंत्री रहने के दौरान की गई नियुक्तियों के बदले राजद सुप्रीमो के परिवार या सहयोगियों के नाम पर भूमि हस्तांतरित कराई गई थी। वह 2004 से 2009 तक रेल मंत्री थे। सीबीआई ने यह भी दावा किया है कि नियुक्तियां मानदंडों का उल्लंघन करके की गई थीं और लेन-देन में बेनामी संपत्तियां शामिल थीं, जो आपराधिक कदाचार और षड्यंत्र के समान है। आरोपियों ने आरोपों से इनकार करते हुए दावा किया है कि मामला राजनीति से प्रेरित है।

