बिहार में जमीनों की रजिस्ट्री के बाद दाखिल खारिज में होने वाली परेशानी को ध्यान में रखते हुए राज्य सरकार ने बड़ा फैसला लिया है। राज्य में अब जमीन की दाखिल खारिज तय समय सीमा के भीतर होगी। डिप्टी सीएम एवं राजस्व व भूमि सुधार मंत्री विजय कुमार सिन्हा ने विभागीय समीक्षा बैठक में साफ लफ्ज़ों में कहा कि दाखिल-खारिज अब तय वक़्त में ही पूरा होगा, वरना ज़िम्मेदार अफसरों के ख़िलाफ़ कार्रवाई तय है।

डिप्टी सीएम और राजस्व एवं भूमि सुधार मंत्री विजय कुमार सिन्हा ने विभागीय समीक्षा बैठक में अधिकारियों को स्पष्ट निर्देश दिया है कि अब दाखिल-खारिज निर्धारित समय सीमा में ही पूरा होना चाहिए। डिप्टी सीएम ने कहा कि लोगों को जमीन से जुड़े कामों में अब अनावश्यक चक्कर नहीं लगाने पड़ेंगे।
रजिस्ट्री के 90 दिनों के भीतर आवेदन जरूर करें
मंत्री विजय कुमार सिन्हा ने राज्यवासियों से अपील करते हुए कहा कि जमीन की रजिस्ट्री के 90 दिनों यानी तीन महीनों के भीतर दाखिल-खारिज का आवेदन जरूर करें, ताकि निर्धारित समय सीमा के भीतर प्रक्रिया पूरी की जा सके। उन्होंने कहा कि निर्धारित समय सीमा की यह व्यवस्था जनता की सुविधा और प्रशासनिक जवाबदेही दोनों के लिए लागू की जा रही है। उन्होंने कहा कि विभाग के अंदर बेहतर पारदर्शिता और लोगों की समस्या के समाधान के लिए नई पहल का वातावरण बनाने के लिए सभी पदाधिकारियों को निर्देश दिया गया है।
ई मापी के लिए निर्धारित परफॉर्मा अनिवार्य
बैठक में ई-मापी रिपोर्ट को लेकर भी बड़ा निर्णय लिया गया। विजय कुमार सिन्हा ने बताया कि अब विभाग द्वारा निर्धारित मानक परफॉर्मा अनिवार्य किया जा रहा है, जिससे रिपोर्टिंग और दस्तावेजी प्रक्रिया में पारदर्शिता और एकरूपता लाई जा सके। यह बदलाव भूमि सर्वेक्षण और डिजिटल रिकॉर्ड अद्यतन को सुचारू बनाने में महत्वपूर्ण कदम माना जा रहा है।
मंत्रीजी ने विभागीय अधिकारियों को चेताया
सिन्हा ने विभागीय अधिकारियों को दो-टूक चेतावनी दी कि जनता की शिकायतों पर तत्काल कार्रवाई हो, किसी भी तरह की ढिलाई या लापरवाही कतई बर्दाश्त नहीं की जाएगी। सरकार की इस नई व्यवस्था से न सिर्फ दाखिल-खारिज, ई-मापी और रजिस्ट्री की प्रक्रिया तेज़ होगी, बल्कि पूरी प्रणाली में विश्वसनीयता, पारदर्शिता और आधुनिकता आएगी। जनता को राहत मिलेगी और बिहार की भूमि-व्यवस्था एक नई दिशा में कदम बढ़ाएगी।

