गर्भवती महिलाओं और नवजात शिशुओं को त्वरित सहायता प्रदान करने के लिए वितरित किये गए 234 ई-स्कूटर

Anupam Kumar
3 Min Read

पश्चिम सिंहभूम । सरायकेला खरसावां जिले में पहले चरण के बाद, मानसी से जुड़ी सहिया साथियों के बीच ई-स्कूटर वितरित किया गया। ताकि दुर्गम इलाकों में आवागमन के मुद्दे का समाधान किया जा सके। इस कार्यक्रम का आयोजन पश्चिमी सिंहभूम जिला के चाईबासा पुलिस ग्राउंड में हुआ जहां गर्भवती महिलाओं और नवजात शिशुओं को त्वरित सहायता प्रदान करने से संबंधित मुद्दों के समाधान के लिए 234 ई-स्कूटर वितरित किए गए।13 मार्च को सरायकेला-खरसावां में सहिया साथियों के लिए कुल 181 ई-स्कूटर वितरित किए गए, जबकि अन्य 150 आगामी 27 मार्च, 2022 को पूर्वी सिंहभूम में वितरित किये जायेंगे।इस अवसर पर जोबा मांझी, महिला बाल विकास एवं सामाजिक सुरक्षा मंत्री निराल पूर्ति तथा मझगांव के विधायक उपस्थित रहे। इस अवसर अनन्या मित्तल, उपायुक्त, रवि जैन, आईएएस, सहायक कलेक्टर, डॉ. बुका उरांव, सिविल सर्जन, पश्चिमी सिंहभूम सौरव रॉय, चीफ कॉरपोरेट सोशल रिस्पॉन्सिबिलिटी, टाटा स्टील आदिल घडियाली, उपाध्यक्ष, एचएसबीसी, मुंबई भी उपस्थित थे।सौरव रॉय चीफ ऑफ कॉरपोरेट सोशल रिस्पॉन्सिबिलिटी, टाटा स्टील ने कहा, “हम सहिया साथियों, एएनएम और राज्य सरकार के साथ मिलकर काम कर रहे हैं ताकि स्वास्थ्य के क्षेत्र में सस्टेनेबल प्रभाव को बढ़ाने के लिए नवीनतम सार्वजनिक स्वास्थ्य समाधानों को लागू किया जा सके। इलेक्ट्रिक स्कूटर सार्वजनिक स्वास्थ्य समाधानों के सह-निर्माण की दिशा में एक अग्रणी कदम है, जिसके प्रति टाटा स्टील फाउंडेशन प्रतिबद्ध है। हम जिले में मानसी के माध्यम से 34,800 से अधिक गर्भवती महिलाओं और माताओं तक पहुंच बना चुके हैं और अब वितरित किये जा रहे ई-स्कूटर्स, पहुंच का दायरा और अधिक से अधिक बढ़ाने तथा और तेजी से चिकित्सा सहायता प्रदान करना सुनिश्चित करेंगे। हम इस पहल में भागीदार के रूप में जिला प्रशासन और एचएसबीसी के आभारी हैं। टाटा स्टील फाउंडेशन ने सरायकेला खरसावां, पश्चिमी सिंहभूम और पूर्वी सिंहभूम के इन तीन स्थानों पर वितरित करने के लिए 565 ई-स्कूटर उपलब्ध कराने के लिए बैंकिंग क्षेत्र की दिग्गज एचएसबीसी के साथ सहयोग किया है। सहिया साथी फाउंडेशन के मानसी कार्यक्रम का एक हिस्सा हैं जो एक समुदाय-केंद्रित सार्वजनिक स्वास्थ्य हस्तक्षेप है जो घरेलू स्तर पर माताओं और नवजात बच्चों के लिए गुणवत्ता और सस्ती स्वास्थ्य देखभाल का लाभ उठाने में ग्रामीण भारत की चुनौतियों का समाधान करता है। वितरण से पहले, सहिया साथियों की सुरक्षा और ड्राइविंग कौशल सुनिश्चित करने के लिए पर्याप्त मात्रा में प्रशिक्षण कार्यशालाओं का आयोजन और संचालन किया गया था। संबंधित क्षेत्रों में बिजली की उपलब्धता की कमी को देखते हुए एक समाधान पूर्ण पहल के रूप में ई-स्कूटर को इस तरह से तैयार किया गया है कि यह पूरी तरह से चार्ज होने में ढाई घंटे के लिए केवल 15 एम्पियर बिजली लेता है।

Share This Article
Leave a comment

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *