जमशेदपुर। दुमका जेल में बंद अखिलेश सिंह ने रंगदारी एवं बेनामी संपत्ति के मामले में खुद को निर्दोष बता कर डिस्चार्ज अर्जी दिया था जिसमें सोमवार को प्रथम श्रेणी न्यायिक दंडाधिकारी नागेंद्र कुमार की अदालत में सुनवाई हुई। बचाव पक्ष के अधिवक्ता विद्या सिंह एवं प्रकाश झा ने पक्ष रखा। इससे अदालत ने डिस्चार्ज अर्जी को ऑर्डर पर रखा है। जानकारी के अनुसार वर्ष 2012 में पुलिस ने अखिलेश सिंह के खिलाफ अभियान चलाकर दर्जनभर ट्रक एवं हाईवा जब्त किया था। इससे अखिलेश सिंह, कुणाल भारद्वाज समेत अन्य के खिलाफ बेनामी संपत्ति एवं रंगदारी का केस थाना प्रभारी के बयान पर सिदगोड़ा पुलिस ने दर्ज की थी। बचाव पक्ष के अधिवक्ता विद्या सिंह ने बताया कि पुलिस ने बेवजह अखिलेश के खिलाफ झूठा केस दायर कर दिया। इससे अदालत ने बेनामी संपत्ति के बजाय रंगदारी मामले में संज्ञान लिया था।