जमशेदपुर : भुइयांडीह स्थित चौक पर गुरुवार को ऑल इंडिया डेमोक्रेटिक स्टूडेंट्स ऑर्गेनाइजेशन जमशेदपुर नगर कमेटी ने हूल दिवस मनाया गया। कार्यक्रम की शुरुआत प्रदेश उपाध्यक्ष युधिष्ठिर कुमार ने शहीद सिदो-कान्हू की प्रतिमा पर माल्यार्पण कर किया। इस अवसर पर नगर अध्यक्ष शुभम झा ने कहा कि आज से 165 वर्ष पूर्व जब पूरे भारत में ब्रिटिश हुकूमत का राज था, लोग कहते थे कि अंग्रेजी शासन का सूरज कभी अस्त नहीं होगा, वैसी परिस्थिति में चंद लोगों ने अंग्रेजी सत्ता से संघर्ष किया। जिनमें सिदो-कान्हू, चांद-भैरव व फूलो-झानो जैसे झारखंड के क्रांतिकारी शहीदों ने जमींदारी, अतिरिक्त लगान, जबरन वसूली, अत्याचार के खिलाफ ब्रिटिश हुकूमत के खिलाफ संघर्ष किया।
झारखंड में मशहूर संथाल विद्रोह जिसे हूल विद्रोह के नाम से भी जानते है। 1855 से 1856 तक सिदो-कान्हू के नेतृत्व में अपने जल, जंगल व जमीन को बचाने के लिए 15,000 से अधिक आदिवासी शहीद हो गये। सिदो-कान्हू ने जल, जंगल व जमीन बचाने के लिए अंग्रेजी सत्ता के खिलाफ आवाज उठाया था। सोवियत संघ के नायक ने हूल विद्रोह को भारत की पहली जनक्रांति का नाम दिया था, क्योंकि भारत में इससे पहले इतने बड़े स्तर पर अंग्रेजों के खिलाफ आम जनता या आदिवासियों ने विद्रोह नहीं किया था। उन्होनें कहा कि देश की वर्तमान के हालात में भी परिवर्तन के लिए हूल की जरूरत है, क्योंकि कहीं ना कहीं जबरन जंगलों को कटाई की जा रही है। गरीबों को उनकी जमीन से बेदखल किया जा रहा है। उन्हें मूलभूत सुविधाओं से वंचित किया जा रहा है। स्वास्थ्य, शिक्षा, भोजन, आवास के लिए लोगो को अपनी जान तक देनी पड़ रही है और चंद मुट्ठी भर लोगों के हाथों में सभी संसाधन को सौंप दिया जा रहा है। इस कार्यक्रम में राज्य उपाध्यक्ष युधिष्ठिर कुमार, जिला सचिव सोनी सेनगुप्ता, नगर अध्यक्ष शुभम झा, सचिव सविता सोरेन, वंदना, अमित, केतु, विशाल आदि उपस्थित थे।