जमशेदपुर : झारखंड के राज्यपाल रमेश बैस शनिवार को एनआइटी जमशेदपुर के उन्नत भारत अभियान के तहत आयोजित एकेडमिक सोशल रिस्पॉसबलिटी विषयक कार्यशाला में शामिल हुए। कार्यक्रम में मौजूद एनआईटी जमशेदपुर के निदेशक करुणेश शुक्ला ने महामहिम स्वागत किया गया। यहां उन्होंने दीप प्रज्वलित कर कार्यक्रम की शुरुआत की। उन्होंने महात्मा गांधी के आत्मनिर्भर भारत का सपना पूरा करने पर जोर दिया। उन्होंने कहा कि जहां उद्योग-धंधे हैं वहां के आसपास के गांवों का कायाकल्प होना चाहिए। तभी जाकर हम आत्मनिर्भर भारत के सपनों को पूरा कर पाएंगे।

उन्होंने कहा कि आज गांव उजड़ रहे हैं, जबकि शहर आबाद हो रहे हैं। गांव को उजाड़कर कल-कारखाने लग रहे हैं। इससे कृषि योग्य भूमि समाप्त हो रही है। पर्यावरण को भी नुकसान हो रहा है। बावजूद इसके उद्यमी अपनी जिम्मेदारी का निर्वाहन नहीं कर रहे हैं। इस बारे में हमें और उद्यमियों का सोचना होगा। उन्होंने इस दिशा में उद्यमियों से निस्वार्थ भाव से काम करने की बात कही ताकि गांव का विकास हो सके। कहा कि तभी देश का भी विकास हो पाएगा।

राज्यपाल रमेश बैस ने कहा कि झारखंड की धरती पृथ्वी का सबसे पुराना टुकड़ा है। यह बात शास्त्रों के साथ रिसर्च में भी सामने आ चुकी है। यह साबित हो चुका है कि साहिबंगज के फाजिल्स डायनासोर के जमाने का है। देश की आजादी का पहला बिगुल भी झारखंड की धरती से बजा था। वहीं, यह खनिज संपदाओं से भरा हुआ राज्य है।

हमें गर्व होना चाहिए कि हम झारखंड के रहनेवाले हैं। आज जरूरत है सभी को मिलकर झारखंड के विकास को पटरी लाने की ताकि यह राज्य देश के अव्वल राज्यों में शुमार किया जा सके। यह काम अकेले सरकार के बस की बात नहीं है। इसके लिए हम सबों को मिलकर आगे बढ़ने की जरूरत है।