मिरर मीडिया : धनबाद हीरक रोड स्थित एक प्रतिष्ठित पब्लिक स्कूल में सैनिटरी पैड से जुड़े मामले में शिकायत के बाद राष्ट्रीय बाल अधिकार संरक्षण आयोग ने संज्ञान लेते हुए धनबाद के उपायुक्त को एक पत्र जारी करते हुए सम्बंधित स्कूल के विरुद्ध आवश्यक एक्शन लेने के निर्देश दिये है।


पत्र में राष्ट्रीय बाल अधिकार संरक्षण आयोग ने लिखा है कि इस मामले में आवश्यक कार्रवाई की जाए। वहीं संबंधित स्कूल को बच्चों के लिए विशेष रूप से सैनिटरी नैपकिन जैसी बुनियादी सुविधा के संबंध में अधिक अनुकूल वातावरण बनाए रखने की सख्त सलाह दी जाती है। कृपया पत्र जारी होने के 20 दिनों के भीतर शिकायत रिपोर्ट आयोग को उपलब्ध कराएं।


वहीं झारखंड अभिभावक महासंघ ने भी इसपर पुरजोर आपत्ति जताते हुए इस तरह के अमानवीय व्यवहार को अनुचित बताया है और शिकायत भी की है। विदित हो कि स्कूल प्रबंधन और वहां के शिक्षिका पर अमानवीय व्यवहार को लेकर आरोप लगे हैं। आपको बता दें कि मामला सैनिटरी पैड देने में अव्यवहारिकता को लेकर है। इस बाबत पीड़ित के परिजनों द्वारा शिकायत भी की गई है। शिकायतकर्ता ने मानसिक प्रताड़ना का भी आरोप लगाया था। जांच में यह बात सामने आई है कि सैनिटरी पैड लेने में छात्रा को कुछ समय लगा है।
हालांकि जांच अधिकारी क्षेत्रीय शिक्षा पदाधिकारी मिथिला टुडू ने बुधवार को स्कूल पहुंच कर इस मामले में स्कूल प्रबंधन से पूछताछ की। उन्होंने पूछा कि जब स्कूल में फर्स्ट एड की व्यवस्था निशुल्क है तो सैनिटरी पैड जैसे अत्यंत आवश्यक वस्तु के लिए 10 रुपये क्यों लिये जाते हैं? बाद में शिक्षिका से भी पूछताछ की गई। पूछताछ के क्रम में शिक्षिका ने स्वीकार किया कि उन्होंने पीड़ित छात्रा से 10 रुपये लेने के बाद ही पैड दिया था। हालांकि अपना बचाव कर बताया कि पैड देने में इसलिए विलंब हुआ, क्योंकि जिस कमरे में सैनिटरी पैड रखा था, उसके दरवाजे पर ताला लगा था। जिस कर्मचारी के पास चाबी थी, उसे बुलाया गया और तब छात्रा को सैनिटरी नैपकिन दी गई।
बहरहाल राष्ट्रीय बाल अधिकार संरक्षण आयोग के संज्ञान के बाद अब उपायुक्त स्कूल प्रबंधन और शिक्षिका पर क्या एक्शन लेते हैं या किस तरह की कार्रवाई करते है यह समय बताएगा।