जेपीएससी परीक्षा के आयोजन को लेकर डीसी ने पदाधिकारियों को दिए आवश्यक दिशा-निर्देश

Manju
By Manju
4 Min Read

जमशेदपुर : 9 सितंबर को होने वाले झारखंड संयुक्त असैनिक सेवा (जेपीएससी) की प्रारंभिक प्रतियोगिता परीक्षा 2021 के सफल आयोजन को लेकर समाहरणालय सभागार, जमशेदपुर में सभी दंडाधिकारियों के लिए एक दिवसीय उन्मुखीकरण कार्यशाला का आयोजन किया गया। कार्यशाला में उपस्थित सदस्यों को उपायुक्त सूरज कुमार द्वारा परीक्षा के सफल आयोजन को लेकर आवश्यक दिशा-निर्देश दिए गए। उन्होने कहा कि कोविड-19 के कारण उत्पन्न परिस्थिति को देखते हुए सभी सेंटर पर कोविड प्रोटोकॉल का अक्षरश: अनुपालन करते हुए परीक्षा आयोजित की जाएगी। कार्यशाला में उपस्थित सदस्यों को परीक्षार्थियों के बैठने की व्यवस्था, सेंटर तक प्रश्न पत्र ससमय पहुंचाने, दिव्यांग अभ्यर्थियों के लिए ग्राउंड फ्लोर में बैठने की व्यवस्था, प्रवेश द्वार पर थर्मल स्क्रीनिंग करने, 4 स्थानों पर सीटिंग अरेंजमेंट का चार्ट चिपकाने तथा परीक्षार्थियों के लिए पंखा, पेयजल, शौचालय, साफ सफाई की व्यवस्था, महिला-पुरुष शौचालय की अलग अलग व्यवस्था करने का निर्देश दिया गया। जिले में कुल 101 परीक्षा केन्द्रों में 43250 परीक्षार्थी जेपीएससी प्रारंभिक परीक्षा में शामिल होंगे। जेपीएससी की प्रारंभिक प्रतियोगिता परीक्षा दो पालियों में आयोजित की जाएगी। पहली पाली पूर्वाह्न 10 बजे से दोपहर 12 बजे तक तथा दूसरी पाली दोपहर बाद दो बजे से अपराह्न चार बजे तक होगी।

महत्वपूर्ण दिशा-निर्देश

पर्यवेक्षक सह स्टैटिक दंडाधिकारी का दायित्व परीक्षा की निष्पक्षता, नियमबद्धता और स्वच्छता को कायम रखना है और इसके लिए वे केन्द्राधीक्षक, वीक्षक व अभ्यर्थी के लिए जारी निर्देशों का भी सम्यक अध्ययन कर लें। परीक्षा के अन्तर्गत उस परीक्षा केन्द्र पर होने वाली प्रत्येक कार्रवाई के निरीक्षण व सत्यापन का दायित्व पर्यवेक्षक का है। इसके साथ ही पर्यवेक्षक यह भी ध्यान रखेंगे कि परीक्षा केन्द्र पर नियुक्त कार्मिक पूरी निष्पक्षता व नियमबद्धता के साथ कार्य कर रहे है। इसके लिए विशेष रूप से केन्द्राधीक्षक और वीक्षक के कार्यों का निरीक्षण अवश्य सुनिश्चित करने का निदेश है। यह भी सुनिश्चित करना है कि उनके द्वारा परीक्षा के विभिन्न निर्देशों व नियमों का समुचित पालन किया जा रहा है। यह भी ध्यान रखना आवश्यक है कि जिस कक्ष में प्रश्न खोले जा रहे हैं या रखे गए हैं, उनमें फोटो कॉपी मशीन, फैक्स या स्कैनर मशीन नहीं है। साथ ही परीक्षार्थियों के पास मोबाइल फोन नहीं है। पाठ्य-पुस्तकें व परीक्षार्थी के बैग भी कक्ष से बाहर रखे जाने चाहिए।

यदि कोई अभ्यर्थी नकल करता हुआ या नकल करने का प्रयास करता हुआ पाया जाए या उसके पास नकल में काम आने वाली सामग्री पाई जाए तो उसके विरुद्ध निर्धारित प्रपत्र पर आवश्यक रूप से कार्रवाई सुनिश्चित करें। इसके अतिरिक्त यदि किसी अभ्यर्थी के स्थान पर कोई अन्य अभ्यर्थी परीक्षा देने या परीक्षा देने का प्रयास करता पाया जाए, तो उसके विरुद्ध भी पुलिस कार्रवाई करते हुए कृत कार्रवाई रिपोर्ट आयोग को प्रेषित की जाए। पर्यवेक्षक को आयोग के नियंत्रण कक्ष के साथ-साथ जिले के नियंत्रण कक्ष से सम्पर्क रहना है, ताकि किसी भी आवश्यक सूचना के आधार पर त्वरित रूप से कार्रवाई की जा सके। यदि किसी अभ्यर्थी या कार्मिक के विरूद्ध कदाचार कारित करने संबंधी सूचना किसी अज्ञात व्यक्ति के द्वारा प्राप्त होती है, तब भी उसकी जांच कर वस्तुस्थिति का पता करेंगे। कार्यशाला में एडीएम लॉ एंड ऑर्डर नन्दकिशोर लाल, जिला शिक्षा पदाधिकारी एस.डी तिग्गा, डीसीएलआर रविन्द्र गगरई, जिला जनसंपर्क पदाधिकारी रोहित कुमार, डुमरिया सीओ रामनरेश सोनी, मानगो सीओ हरीश चंद्र मुंडा, मानगो नगर निगम के कार्यपालक पदाधिकारी दीपक सहाय, जुगसलाई नगर परिषद के कार्यपालक पदाधिकारी जगदीश यादव तथा अन्य संबंधित पदाधिकारी मौजूद रहे।

Share This Article
Leave a comment

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *