जमशेदपुर : गोलमुरी के जुगसलाई प्रखंड अंतर्गत लुआवासा पंचायत के खैरबनी के रहने वाले अजय हेम्ब्रम ने बीएससी की पढ़ाई पूरी करने के बाद खेती-किसानी को रोजगार का साधन चुना जिसमें आज वे काफी सफल हैं। अजय बताते हैं कि बीएससी की पढ़ाई के बाद उन्होने कुछ समय रोजगार को लेकर प्रयास किए लेकिन रोजगार करना ज्यादा रूचिकर नहीं लगा जिसके बाद उन्होने सारा ध्यान खेती-किसानी में ही लगाने का निश्चय किया। पढ़ा लिखा होने पर खेती कार्य को चुनना उनके लिए चुनौतियों से कम नहीं था। परिवार व रिश्तेदारों को खेती करने की अपनी योजना से उन्होने प्रभावित तो किया ही साथ ही दूसरे किसानों को भी नई राह दिखा रहे हैं।

अजय हेम्ब्रम का पुस्तैनी जमीन लगभग 8 एकड़ है। वर्षों से सिर्फ खरीफ मौसम में उनके परिवारवाले धान की खेती किया करते थे जिससे खाने-पीने की समस्या तो नहीं रहती थी लेकिन अतिरिक्त आय के लिए उन्हें दूसरे स्रोत पर ध्यान देना पड़ता था। आत्मा की उप परियोजना निदेशक गीता कुमारी बतातीं हैं कि अजय हेम्ब्रम पिछले 5 वर्षों से आत्मा से जुड़े हैं। आत्मा के प्रसार कर्मी द्वारा उन्हें आत्मा द्वारा संचालित विभिन्न कृषक गतिविधि जैसे प्रशिक्षण, परिभ्रमण, गोष्ठी में भाग लेने के लिए प्रोत्साहित किया गया । साथ ही धान के साथ-साथ रबी व गरमा में दलहन, तिलहन व साग-सब्जी का खेती करने का सुझाव दिया।
अजय कहते हैं कि आत्मा के प्रसार कर्मी द्वारा समय-समय पर तकनीकी जानकारी एवं मार्गदर्शन मिलने से प्रोत्साहित होकर उन्होने लगभग 3 एकड़ जमीन में गोभी, टमाटर, बैंगन, बीन्स, सरसों, चना व गेहूं का उन्नत तकनीक से खेती करना शुरू किया। सब्जी की खेती से उन्हें अच्छा लाभ भी प्राप्त हुआ। विगत वर्ष अजय हेम्ब्रम को 1,50,000 रूपये से ज्यादा की आमदनी सब्जी उत्पादन से हुआ है जिससे वे परिवार के लिए अतिरिक्त आमदनी की समस्या को दूर करने में काफी सफल हुए हैं। अजय अपने खेतों में उत्पादित सब्जी को सुन्दरनगर, नारवा, गोविन्दपुर, करनडीह में लगने वाले सप्ताहिक हाट में बेचतें हैं साथ ही जमशेदपुर शहर के हाट-बाजारों के व्यापारी भी उनके यहां सब्जी खरीदने पहुंचते हैं। अजय हेम्ब्रम कहते हैं किसानों के लिए सरकार कई योजनायें चला रही है, जरूरत है जागरूकता दिखाते हुए उसका लाभ उठायें तथा कृषि विभाग के पदाधिकारी व प्रसार कर्मी क्षेत्र में आते हैं तो उनसे संपर्क में रहें। उन्होने बताया कि योजनाओं का लाभ दिलाने के अलावा भी किसानों के लिए प्रशिक्षण, परिभ्रमण, गोष्ठी कार्यक्रम का आयोजन किया जाता है जिसमें सम्मिलित होकर उन्नत तरीके से खेती करने का गुर सीख सकते हैं।