जिला शिक्षा पदाधिकारी के द्वारा यू डाइस प्राप्त निजी विद्यालयों के साथ किया जा रहा है सौतेला व्यवहार
मिरर मीडिया : जिला शिक्षा पदाधिकारी के द्वारा सरकारी विद्यालयों में आठवीं और नौवीं बच्चों का नामांकन लेने की रोक पर झारखंड प्राइवेट स्कूल एसोसिएशन ने विरोध जताया है जिला सचिव इरफान खान ने कहा कि सरकार द्वारा यू डाइस प्राप्त लगभग 500 से भी ज्यादा निजी विद्यालय धनबाद में संचालित है और सभी निजी विद्यालय सरकार के द्वारा समय-समय पर जारी होने वाले सभी आदेश निर्देश और प्रावधानों का अनुपालन करते रहे हैं सभी निजी विद्यालय प्रतिवर्ष यू डायस का डाटा एसडीएमआईएस का डाटा विद्यालय में कार्यरत शिक्षकों बच्चों तथा विद्यालय से संबंधित सभी जानकारी विभाग को उपलब्ध कराई जाती है और विभाग के द्वारा सरकार को प्रेषित की जाती है।
परंतु वर्तमान शैक्षणिक सत्र 2021-22 में सरकारी व स्थापना अनुमति विद्यालयों के प्रधानाध्यापक द्वारा निजी विद्यालयों के बच्चों का यह कहकर कक्षा आठवीं और नौवीं में नामांकन नहीं लिया जा रहा है कि जिला शिक्षा पदाधिकारी के द्वारा आदेश दिया गया है कि विद्यालय में शिक्षा का अधिकार अधिनियम संशोधन 2019 के तहत 25000 का चालान जमा नहीं किया है इसके लिए उनके विद्यालय के द्वारा निर्गत टीसी स्थानांतरण प्रमाण पत्र )अमान्य है।
जिला सचिव इरफान खान ने कहा कि आरटीई के तहत मान्यता से संबंधित यू डाइस प्राप्त निजी विद्यालयों का केस हाईकोर्ट में लंबित है जिसमें हाई कोर्ट के द्वारा यह स्पष्ट आदेश दिया गया है कि जब तक न्यायालय में मामला लंबित है तब तक झारखंड प्राइवेट स्कूल एसोसिएशन के सदस्यों या उनके विद्यालय के बच्चों को किसी भी तरह की आरटीई के नियम का भय दिखाकर विद्यालय एवं विद्यालय के बच्चों पर कार्रवाई नहीं कर सकते परंतु जिला शिक्षा पदाधिकारी धनबाद के द्वारा निजी विद्यालयों के साथ सौतेला व्यवहार किया जा रहा है और कोर्ट का भी अवमानना किया जा रहा है।
जिला शिक्षा पदाधिकारी के द्वारा आरटी के मान्यता के नाम पर 25000 का चालान जमा करने का दबाव बनाया जा रहा है जबकि धनबाद जिले में सीबीएसई से मान्यता प्राप्त विद्यालय स्थापना अनुमति मान्यता प्राप्त विद्यालय के द्वारा न तो मान्यता लिया गया नहीं मान्यता के लिए 25000 का चालान जमा किया गया तो फिर यह नियम वहां क्यों नहीं लागू किया जा रहा है जिला शिक्षा पदाधिकारी के द्वारा यू डाइस प्राप्त छोटे निजी विद्यालयों को ही प्रताड़ित क्यों किया जा रहा है। अगर इस पर जिला शिक्षा पदाधिकारी के द्वारा कोई निर्णय नहीं लिया जाता है तो झारखंड प्राइवेट स्कूल एसोसिएशन धनबाद जिले में जिला शिक्षा पदाधिकारी के खिलाफ आंदोलन करेंगे।