देश: 22 जानवरी को होने वाले रामलला की प्राण प्रतिष्ठा समारोह में शामिल होने के लिए करोड़ों रामभक्त अयोध्या पहुंचना चाहते हैं। हालांकि, श्रीराम जन्मभूमि ट्रस्ट की ओर से कुछ खास लोगों को ही इस दिन के निमंत्रण भेजा गया है।
वहीं, निमंत्रण मिलने के मुद्दे पर राजनीति भी खूब हो रही है। बुधवार को कांग्रेस के आलाकमान ने रामलला प्राण प्रतिष्ठा समारोह का निमंत्रण ठुकरा दिया है। सोनिया गांधी, मल्लिकार्जुन खरगे समेत कई नेताओं ने इस आयोजन में शामिल न होने का फैसला किया है। कांग्रेस के दिग्गज नेताओं को यह फैसले पार्टी के अंदर ही कलह का वजह बन गया है।
इस फैसले पर कई कांग्रेस नेताओं ने टिप्पणी करते हुए आलाकमान के फैसले पर आपत्ति जताई है। गुजरात कांग्रेस के कार्यकारी अध्यक्ष अंबरीश डेरे ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर लिखा, मर्यादा पुरुषोत्तम भगवान श्री राम हमारे आराध्य देव हैं इसलिए यह स्वाभाविक है कि भारत भर में अनगिनत लोगों की आस्था इस नवनिर्मित मंदिर से वर्षों से जुड़ी हुई है।
उन्होंने आगे लिखा कि कांग्रेस के कुछ लोगों को उस खास तरह के बयान से दूरी बनाए रखनी चाहिए और जनभावना का दिल से सम्मान करना चाहिए। इस तरह के बयान से मेरे जैसे कांग्रेस के कई कार्यकर्ताओं के लिए निराशा है। जय सियाराम।
इससे पहले गुजरात के कांग्रेस विधायक अर्जुन मोढवाडिया ने आलाकमान के फैसले पर आपत्ति जाहिर की है। एक्स पर उन्होंने लिखा कि भगवान श्री राम आराध्य देव हैं। यह देशवासियों की आस्था और विश्वास का विषय है। कांग्रेस को ऐसे राजनीतिक निर्णय लेने से दूर रहना चाहिए था।
वहीं,कांग्रेस के इस फैसले पर पार्टी नेता आचार्य प्रमोद ने भी प्रतिक्रिया साझा की है। उन्होंने सोशल मीडिया हैंडल एक्स पर लिखा कि राम मंदिर के निमंत्रण को ठुकराना बेहद दुर्भाग्यपूर्ण और आत्मघाती फैसला है,आज दिल टूट गया।