नहाय खाय से शुरू हुआ जितिया व्रत : अपनी संतान की लंबी आयु, सुख समृद्धि और स्वास्थ्य के लिए माताएं रखेंगी निर्जला व्रत

KK Sagar
2 Min Read

माताएं द्वारा अपनी संतान की लंबी आयु, सुख समृद्धि और स्वास्थ्य के लिए रखा जाने वाला जितिया व्रत की शुरुआत आज नहाय खाय से शुरू हो गया है। अष्टमी तिथि 24 सितंबर को दोपहर 12:38 बजे से शुरू होगी और 25 सितंबर 2024 को दोपहर 12:10 बजे समाप्त होगी।

व्रत का महत्व और उद्देश्य

जितिया व्रत माताएं अपने बच्चों की लंबी उम्र, सुख-समृद्धि और सुरक्षा के लिए रखती हैं। यह व्रत धार्मिक और आध्यात्मिक दृष्टिकोण से भी महत्वपूर्ण है, जो माताओं को अपने बच्चों के प्रति अपने प्रेम और समर्पण को प्रदर्शित करने का अवसर प्रदान करता है।

परंपराएं और अनुष्ठान

जितिया व्रत के साथ जुड़ी परंपराओं में नहाय-खाय की विशेष महत्व है। इस दिन महिलाएं पवित्र नदी में स्नान करती हैं और घर में तेल और खीर का भोग लगाती हैं। इसके अलावा, पितरों को भोजन अर्पण करने और ओठगन की परंपरा भी सदियों से चली आ रही है।

आध्यात्मिक महत्व और कथाएं

धार्मिक ग्रंथों में बताया गया है कि मनुष्यों के अलावा जानवरों द्वारा भी इस व्रत का पालन किया जाता है। एक कथा में चील और सियारिन की कहानी प्रसिद्ध है, जिसमें उन्होंने व्रत का उल्लंघन किया और उनके बच्चों की अकाल मृत्यु हो गई। यह कथा जितिया व्रत के महत्व को दर्शाती है।

व्रत का पारण और समापन

व्रत का पारण यानी व्रत खोलने का सही समय शुभ मुहूर्त के आधार पर होता है। माताएं अपने बच्चों की दीर्घायु और शुभकामना के लिए इस व्रत को रखती हैं।

Share This Article
उत्कृष्ट, निष्पक्ष, पारदर्शिता और ईमानदारी - पत्रकारिता की पहचान है k k sagar....✍️....