सीएम हेमंत सोरेन ने शपथ ग्रहण के बाद उठाई थी मांग
झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने शपथ ग्रहण के तुरंत बाद केंद्र सरकार से राज्य के 1.36 लाख करोड़ रुपये बकाए की मांग की थी। उन्होंने चेतावनी दी थी कि यदि यह राशि नहीं लौटाई गई तो कानूनी कार्रवाई की जाएगी। इस मुद्दे को लेकर अब झारखंड मुक्ति मोर्चा (जेएमएम) के नेता मनोज पांडे ने भी सख्त रुख अपनाया है।
जेएमएम ने दी कानूनी कदम उठाने की चेतावनी
जेएमएम नेता मनोज पांडे ने कहा, “यह हमारा हक है, और हमें यह पैसा चाहिए। यदि केंद्र सरकार इसे जल्द नहीं लौटाती तो हम कानूनी विकल्प अपनाएंगे। हमारी प्राथमिकता जनता को सुशासन देना है और इसके लिए हमें अपने संसाधनों की जरूरत है।”
बकाया राशि का विवरण
सीएम हेमंत सोरेन ने हाल ही में बकाया राशि का विवरण साझा करते हुए बताया कि कुल बकाया राशि 1,36,042 करोड़ रुपये है। इसमें शामिल हैं:
वॉश्ड कोयला रॉयल्टी: 2,900 करोड़ रुपये
पर्यावरण मंजूरी सीमा उल्लंघन: 3,200 करोड़ रुपये
भूमि अधिग्रहण मुआवजा: 42,142 करोड़ रुपये
सूद की रकम: 60,000 करोड़ रुपये
इस बकाया राशि के अभाव में राज्य की कई महत्वपूर्ण योजनाएं प्रभावित हो रही हैं। इनमें शिक्षा, स्वास्थ्य, महिला विकास और स्वच्छ पेयजल जैसी योजनाएं शामिल हैं।
बीजेपी का पलटवार
इस मुद्दे पर बीजेपी ने पलटवार करते हुए कहा कि यह सारा बकाया कांग्रेस सरकार के समय का है। उन्होंने सवाल उठाया कि तब राज्य सरकार ने इस रकम की मांग क्यों नहीं की। इस पर मनोज पांडे ने जवाब दिया, “हमारा पैसा हमें लेना है, यह किसकी सरकार का है, इससे फर्क नहीं पड़ता। कोर्ट भी इसके पक्ष में आदेश दे चुका है।”
कानूनी लड़ाई की तैयारी
ऐसा माना जा रहा है कि झारखंड सरकार आने वाले समय में मनी सूट दायर कर सकती है। राज्य सरकार का कहना है कि इस राशि के बिना झारखंड जैसे अल्प विकसित राज्य में विकास कार्यों को गति देना मुश्किल हो रहा है।
झारखंड के विकास में बाधा
सीएम हेमंत सोरेन ने कहा कि बकाया राशि के कारण बच्चों, बुजुर्गों, किसानों, मजदूरों और समाज के कमजोर तबकों तक योजनाओं को पहुंचाने में बाधा हो रही है। उन्होंने कहा, “यह राशि झारखंड के विकास के लिए अत्यंत आवश्यक है।”