धनबाद- कोयला खनन का किंग कारू यादव पर 6 प्राथमिकी : क्या अवैध खनन के पीछे है राजनीतिक संरक्षण और अपराध का गठजोड़?

KK Sagar
3 Min Read

धनबाद का बाघमारा कांड इस समय पूरे झारखंड में चर्चा का विषय बन गया है। अवैध कोयला खनन और स्थानीय दबंगों के गठजोड़ ने इस इलाके को काले साम्राज्य का गढ़ बना दिया है। पुलिस की सक्रियता ने न केवल इस कांड के गहरे राज़ खोलने शुरू किए हैं, बल्कि कई बड़े चेहरों पर लगे नकाब भी हटाने की तैयारी कर दी है।

पुलिस की ताबड़तोड़ कार्रवाई

इस कांड में मुख्य आरोपी कारू यादव और उसके साथियों पर अब तक 6 प्राथमिकी दर्ज की गई हैं। पुलिस ने आरोपियों की गिरफ्तारी के लिए कई इलाकों में छापेमारी की है। डीआईजी और एसएसपी स्वयं इस अभियान की निगरानी कर रहे हैं। अब तक की जांच में पता चला है कि कारू यादव अवैध कोयला खनन का किंग है और उसने बिहार से मजदूर बुलाकर अपने साम्राज्य को फैलाया।

दर्ज प्राथमिकी और आरोप

👉 गोलीबारी और बमबारी: खरखरी जंगल में गोली और बम चलाने के आरोप में गिरिडीह के सांसद चंद्रप्रकाश चौधरी, बीसीसीएल के अधिकारी जीसी शाहा और कारू यादव समेत 123 नामजद और 150 अज्ञात के खिलाफ मामला दर्ज हुआ।

👉 पुलिस पर हमला: मधुबन एसडीपीओ पर हमले के मामले में कारू यादव और उसके परिजनों सहित 30 नामजद व 100 अज्ञात पर प्राथमिकी दर्ज हुई।

👉 आगजनी और तोड़फोड़: आजसू कार्यालय में आगजनी के लिए 15 नामजद और 100 अज्ञात पर मामला दर्ज हुआ।

👉 अवैध कोयला जब्ती: आशा कोठी खटाल में 90 टन अवैध कोयला जब्त कर कार्रवाई की गई।

राजनीतिक विवाद और गठजोड़ का संदेह

पुलिस की जांच में यह सवाल भी उठ रहा है कि कारू यादव अकेले इतने बड़े स्तर पर अवैध खनन कैसे कर सका। क्या इसके पीछे राजनीतिक समर्थन है? गिरिडीह के सांसद के नाम आने के बाद आजसू ने राज्य सरकार पर राजनीति से प्रेरित कार्रवाई का आरोप लगाया है।

मुख्यमंत्री की सख्ती

मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने इस मामले को गंभीरता से लिया है और सख्त कार्रवाई के निर्देश दिए हैं। पुलिस की सक्रियता से इलाके के दबंग भूमिगत हो गए हैं, लेकिन सवाल यह है कि क्या इस बार कोयलांचल में फैले अवैध खनन और दबंगई के साम्राज्य को तोड़ा जा सकेगा।

नतीजे का इंतजार

यह कांड न केवल धनबाद बल्कि पूरे राज्य की कानून-व्यवस्था के लिए चुनौती बन गया है। अगर पुलिस अपनी जांच को पूरी निष्पक्षता और मजबूती से आगे बढ़ाती है, तो यह कोयलांचल के बड़े गठजोड़ को उजागर कर सकता है। फिलहाल, कारू यादव और उसके सहयोगियों की गिरफ्तारी बाकी है, लेकिन पुलिस की कार्रवाई ने इस बार बड़ी उम्मीदें जगाई हैं।

Share This Article
उत्कृष्ट, निष्पक्ष, पारदर्शिता और ईमानदारी - पत्रकारिता की पहचान है k k sagar....✍️....