झारखंड सरकार की बहुचर्चित मंईया सम्मान योजना को लेकर बड़ा फैसला सामने आया है। आर्थिक रूप से कमजोर महिलाओं को हर महीने ₹2500 की सहायता देने वाली इस योजना में अब सभी लाभार्थियों को पैसा नहीं मिलेगा। सरकार ने स्पष्ट किया है कि जिन महिलाओं का बैंक खाता आधार से लिंक नहीं है, उन्हें अप्रैल से योजना का लाभ नहीं दिया जाएगा।
योजना में सामने आए फर्जीवाड़े के मामलों के बाद सरकार ने यह सख्ती बरती है। राज्य की लगभग 2 लाख महिलाओं की राशि फिलहाल होल्ड कर दी गई है। वहीं, महिलाओं के आवेदन का सत्यापन अनिवार्य कर दिया गया है। जिन महिलाओं ने अब तक सत्यापन नहीं कराया है, उन्हें जल्द से जल्द अपने प्रखंड कार्यालय जाकर यह प्रक्रिया पूरी करनी होगी, नहीं तो लाभ से वंचित रह जाएंगी।
आधार लिंक नहीं तो लाभ नहीं
राज्य सरकार ने यह भी साफ कर दिया है कि अब केवल उन्हीं महिलाओं को योजना का लाभ मिलेगा जिनके खाते आधार से जुड़े होंगे और जिन्होंने सभी दस्तावेजों का सही तरीके से सत्यापन करवाया होगा।
51 पार महिलाओं को बाहर का रास्ता
विभागीय मंत्री चमरा लिंडा ने बताया कि अब इस योजना के दायरे में बदलाव किया जा रहा है। उन्होंने कहा, “सरकार की प्राथमिकता है कि असली और ज़रूरतमंद महिलाओं को ही राशि मिले। इसलिए अब 51 वर्ष से अधिक उम्र की महिलाओं को योजना से बाहर किया जाएगा और जो महिलाएं 18 की उम्र पार कर रही हैं, उन्हें जोड़ा जाएगा।”
इस फैसले से बड़ी संख्या में महिलाओं को झटका जरूर लगा है, लेकिन सरकार का कहना है कि यह कदम योजना की पारदर्शिता और असल लाभार्थियों तक सहायता पहुँचाने के लिए जरूरी है।