डिजिटल डेस्क। जमशेदपुर : रविवार को देशभर में आयोजित नीट-यूजी 2025 परीक्षा में एक बार फिर गड़बड़ी का मामला सामने आया है। इसके तार झारखंड से भी जुड़ रहे हैं। रांची और जमशेदपुर पुलिस भी मामले की जांच कर रही है। ओडिशा पुलिस ने भुवनेश्वर से एक अंतरराज्यीय सॉल्वर गैंग के चार सदस्यों को गिरफ्तार किया है, जो मेडिकल कॉलेज में दाखिले के लिए नीट अभ्यर्थियों से मोटी रकम लेकर फर्जीवाड़ा करने की कोशिश कर रहे थे। गिरफ्तार आरोपियों में बिहार के अरविंद कुमार, झारखंड के प्रियदर्शी कुमार, और ओडिशा के सुनील सामंतराय व रुद्र नारायण बेहरा शामिल हैं। इस घटना ने परीक्षा प्रणाली की पारदर्शिता पर फिर से सवाल खड़े किए हैं।
क्या है मामला?
पुलिस के अनुसार, यह गैंग नीट अभ्यर्थियों की जगह फर्जी उम्मीदवारों (सॉल्वर) को परीक्षा में बैठाने की योजना बना रहा था। इसके लिए 20 से 30 लाख रुपये प्रति अभ्यर्थी की डील की गई थी।
गैंग का तौर-तरीका इस तरह था :
स्थानीय एजेंट नीट उम्मीदवारों की जानकारी, जैसे आधार कार्ड, इकट्ठा करते थे। रजिस्ट्रेशन के बाद जारी होने वाले एडमिट कार्ड को बिहार के गैंग को हस्तांतरण किया जाता था। फर्जी उम्मीदवार इन एडमिट कार्ड का उपयोग कर असली अभ्यर्थियों की जगह परीक्षा में बैठते थे।
संजीव मुखिया से कनेक्शन?
पुलिस को शक है कि बिहार के अरविंद कुमार का संबंध कुख्यात परीक्षा माफिया संजीव मुखिया से हो सकता है, जो 2024 नीट-यूजी पेपर लीक का मास्टरमाइंड था। मुखिया, जो बिहार के नालंदा का निवासी है, को अप्रैल 2025 में सीबीआई ने गिरफ्तार किया था। वह पहले भी कई राष्ट्रीय और राज्य स्तरीय परीक्षाओं के पेपर लीक में शामिल रहा है। ओडिशा पुलिस अब बिहार आकर इस कनेक्शन की जांच कर सकती है। साथ ही, बिहार और अन्य राज्यों के परीक्षा केंद्रों की भी जांच की जा रही है।
एनटीए का एक्शन–
राष्ट्रीय परीक्षा एजेंसी (एनटीए) ने इस मामले को गंभीरता से लेते हुए जांच शुरू कर दी है। एनटीए यह पता लगाने की कोशिश कर रहा है कि क्या यह गैंग अन्य राज्यों में भी सक्रिय था। पिछले साल के पेपर लीक कांड के बाद एनटीए ने इस बार सख्त सुरक्षा उपाय किए थे, जैसे पुलिस एस्कॉर्ट में प्रश्नपत्रों का परिवहन और परीक्षा केंद्रों पर मल्टीलेयर फ्रिस्किंग। फिर भी, इस घटना ने एनटीए की तैयारियों पर सवाल उठाए हैं।
पिछले साल का विवाद
2024 में नीट-यूजी परीक्षा में झारखंड के हजारीबाग स्थित ओएसिस स्कूल से पेपर लीक हुआ था, जिसमें संजीव मुखिया की मुख्य भूमिका थी। सीबीआई ने इस मामले में 45 लोगों के खिलाफ चार्जशीट दाखिल की थी। इस बार भी गड़बड़ी की कोशिश ने अभ्यर्थियों और अभिभावकों में आक्रोश पैदा कर दिया है।
अभ्यर्थियों की शिकायतें
सोशल मीडिया पर कई अभ्यर्थियों ने परीक्षा के दौरान अव्यवस्था की शिकायत की है। कुछ केंद्रों, जैसे इंदौर में, बिजली गुल होने से छात्रों को अंधेरे में पेपर हल करना पड़ा। इसके अलावा, पेपर को लंबा और कठिन बताया जा रहा है, जिससे कई छात्र समय पर इसे पूरा नहीं कर पाए।
सरकार और पुलिस की कार्रवाई
केंद्र सरकार ने पिछले साल पब्लिक एग्जामिनेशन्स (प्रिवेंशन ऑफ अनफेयर मीन्स) एक्ट, 2024 लागू किया था, जिसके तहत ऐसी गड़बड़ियों में शामिल लोगों को सख्त सजा का प्रावधान है। ओडिशा पुलिस ने कहा कि मामले की हर एंगल से जांच की जा रही है, और दोषियों को बख्शा नहीं जाएगा।
आगे क्या?
एनटीए जल्द ही नीट 2025 की प्रोविजनल आंसर की जारी कर सकता है, जो मई के चौथे सप्ताह में संभावित है। रिजल्ट 14 जून 2025 तक घोषित होने की उम्मीद है। जांच के नतीजों के आधार पर कुछ अभ्यर्थियों को डिबार किया जा सकता है, जैसा कि 2024 में 42 छात्रों के साथ हुआ था।
यह घटना नीट जैसी महत्वपूर्ण परीक्षा की विश्वसनीयता पर गंभीर सवाल उठाती है। अभ्यर्थी और विशेषज्ञ मांग कर रहे हैं कि भविष्य में ऐसी घटनाओं को रोकने के लिए और कड़े कदम उठाए जाएं।