
भारत के ऑपरेशन सिंदूर के बाद पाकिस्तान बौखलाया गया है। पाकिस्तान जम्मू-कश्मीर, अमृतसर सहित राजस्थान के बॉर्डर से सटे शहरों को निशाना बनाने की कोशिश कर रहा है। पाकिस्तान ने बीते 24 घंटों में 26 जगहों पर हमला किया। इसके बाद भारत ने जवाबी कार्रवाई की है। एलओसी पर कई जगहों पर रुक-रुक कर गोलीबारी हो रही है। पाकिस्तान ने जैसलमेर में 9, अमृतसर में 15 ड्रोन गिराए। उसकी हर कोशिश को भारतीय सेना ने फेल कर दिया। बताया जा रहा है कि गुरुवार से ज्यादा ड्रोन शुक्रवार को हमले में यूज किए गए।
एयरपोर्ट और एयरबेस में हमले की कोशिश नाकाम
श्रीनगर एयरपोर्ट और अवंतीपोरा एयरबेस पर हमला करने की कोशिश नाकाम हो गई। पाकिस्तान ने श्रीनगर में करीब 15 ड्रोन से हमला किया। भारतीय सेना ने एयरपोर्ट के पास से ड्रोन को मार गिराया गया और हमले की कोशिश नाकाम कर दी। वहीं अवंतीपोरा में ड्रोन हमले को एयर डिफेंस गन ने मार गिराया, अनंतनाग में भी ड्रोन हमला नाकाम। अभी तक कश्मीर में कही भी कोई नुकसान की खबर नहीं है। ड्रोन वाली साजिश के बाद जम्मू के आरएस पुरा सेक्टर में भारी गोलीबारी शुरू हुई।
भारत ने जवाबी हमले में पाक के हवाई ठिकानों को निशाना बनाया- सोर्स एएनआई
समाचार एजेंसी एएनआई ने सूत्रों का हवाला देते हुए बताया, भारत ने शनिवार को जवाबी हमले किए, जिसमें पिछले दो दिनों में महत्वपूर्ण उकसावे और बढ़ती शत्रुता के जवाब में कम से कम चार पाकिस्तानी हवाई ठिकानों को निशाना बनाया गया। शनिवार की सुबह, पाकिस्तान के विभिन्न स्थानों पर कई विस्फोटों की आवाज़ें सुनी गईं, जो संभावित भारतीय जवाबी हमले का संकेत देती हैं। पाकिस्तान ने बाद में दावा किया कि उसके तीन हवाई अड्डे- इस्लामाबाद के पास रावलपिंडी में नूर खान हवाई अड्डा, चकवाल में मुरीद हवाई अड्डा और पूर्वी पंजाब के झंग जिले में रफ़ीकी हवाई अड्डा- उन ठिकानों में शामिल थे जिन्हें निशाना बनाया गया।
जी7 देशों ने जारी की संयम बरतने की अपील
भारत और पाकिस्तान के बीच तनाव पर जी7 विदेश मंत्रियों की तरफ से बयान जारी किया गया है। स्टेटमेंट में कहा गया कि हम, कनाडा, फ्रांस, जर्मनी, इटली, जापान, यूनाइटेड किंगडम और संयुक्त राज्य अमेरिका के जी7 विदेश मंत्री और यूरोपीय संघ के उच्च प्रतिनिधि, 22 अप्रैल को पहलगाम में हुए जघन्य आतंकवादी हमले की कड़ी निंदा करते हैं और भारत और पाकिस्तान दोनों से अधिकतम संयम बरतने का आग्रह करते हैं। आगे की सैन्य एक्टिविटी स्थिरता के लिए एक गंभीर खतरा है। हम दोनों पक्षों के नागरिकों की सुरक्षा के लिए बहुत चिंतित हैं। हम तत्काल तनाव कम करने का आह्वान करते हैं और दोनों देशों को शांतिपूर्ण परिणाम की दिशा में सीधे संवाद में शामिल होने के लिए प्रोत्साहित करते हैं। हम घटनाओं पर बारीकी से नज़र रखना जारी रखते हैं और एक त्वरित और स्थायी राजनयिक समाधान के लिए अपना समर्थन व्यक्त करते हैं।