भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) का 63वां पीएसएलवी लॉन्च सफल नहीं हो पाया। इसरो का अर्थ ऑब्जर्वेशन सेटेलाइट यानी ईओएस-9 निगरानी उपग्रह को कक्षा में स्थापित करने के लिए भेजा गया था, मगर, यह प्रक्षेपण तीसरे चरण में विफल हो गया। इसरो के प्रमुख वी नारायणन ने लॉन्चिंग के बाद जानकारी देते हुए बताया कि ईओएस-9 मिशन अपने मकसद में फेल हो गया। हम इसकी जांच कर रहे हैं और खामियों को लेकर पूरा विश्लेषण करने के बाद इसके बारे में जानकारी देंगे।

आंध्र प्रदेश के श्रीहरिकोटा के सतीश धवन अंतरिक्ष केंद्र से सुबह 5.59 बजे पीएसएलवी को लॉन्च किया गया। लॉन्च के चंद मिनटों बाद पहला और दूसरा चरण के सफल रहा। मगर, अगला चरण, जो कि ठोस ईंधन का चरण था, उसमें एक असामान्य स्थिति देखी गई। लॉन्चिंग से पहले प्रक्षेपण यान पीएसएलवी-सी61 की उलटी गिनती शनिवार को शुरू हो गई थी।
पीएसएलवी-सी61 के प्रक्षेपण के बाद इसरो प्रमुख का बयान
पीएसएलवी के प्रक्षेपण के बाद आई तकनीकी खराबी को लेकर इसरो प्रमुख वी नारायणन ने कहा, तीसरे चरण के संचालन के दौरान परेशानी हुई। वैज्ञानिक अवलोकन कर रहे हैं। मिशन पूरा नहीं हो सका है। उन्होंने कहा कि डाटा का विश्लेषण करने के बाद इसरो इस मिशन के संबंध में विस्तृत जानकारी देगा।
इसरो का यह 101वां मिशन
यह अंतरिक्ष एजेंसी इसरो का यह 101वां मिशन था। पीएसएलवी अपने 63वें मिशन के तहत अर्थ ऑब्जर्वेशन सेटेलाइट (ईओएस-09) को लेकर गया था। ईओएस -09 सभी मौसम परिस्थितियों में पृथ्वी की सतह की हाई क्वालिटी वाली तस्वीरें लेने में सक्षम है। सेटेलाइट द्वारा लगातार 24 घंटे खींची जाने वाली तस्वीरें कृषि, वानिकी निगरानी, आपदा प्रबंधन, शहरी नियोजन और राष्ट्रीय सुरक्षा जैसे प्रयोगों के लिहाज से बेहद अहम है।