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देश : नए संसद भवन में आज पहले दिन की कार्यवाही में महिला आरक्षण बिल को लेकर चर्चा हुई। पीएम नरेन्द्र मोदी ने अपने संबोधन में महिला आरक्षण बिल की पुरजोर वकालत की। पीएम मोदी के भाषण के बाद कानून मंत्री अर्जुन राम मेघवाल ने महिला आरक्षण बिल को लोकसभा में पेश किया।
वहीं महिला आरक्षण विधेयक पर लोकसभा में आईएमआईएम प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी ने कहा कि आप किसे प्रतिनिधित्व दे रहे हैं? जिनका प्रतिनिधित्व नहीं है उन्हें प्रतिनिधित्व दिया जाना चाहिए।
इस विधेयक में बड़ी खामी यह है कि इसमें मुस्लिमों के लिए कोई कोटा नहीं है। इसलिए हम इस बिल के खिलाफ हैं।
बता दें कि महिला आरक्षण बिल पिछले 27 सालों से संसद में लंबित है। साल 2010 में ये बिल राज्यसभा में पारित हो गया, लेकिन लोकसभा में ये बिल लटक गया। जिसके बाद से ही इस महिला को मंजूरी दिलाए जाने की मांग उठती रही है। साल 1996 में पहली बार महिला आरक्षण विधेयक को संसद में पेश किया गया था। जिसे एचडी देवगौड़ा की सरकार ने लाया था।