मिरर मीडिया : अभीतक की बड़ी खबर है बता दें कि मानहानि के मामले में सजा सुनाये जाने के बाद कांग्रेस नेता राहुल गांधी को शुक्रवार को लोकसभा से अयोग्य घोषित कर दिया गया है।
यानी केरल के वायनाड संसदीय सीट का प्रतिनिधित्व कर रहे राहुल गांधी लोकसभा की सदस्यता के लिए अयोग्य पाए जाते हैं। इसी के साथ राहुल के लिए बड़ा झटका यह है कि वह 6 साल तक चुनाव भी नहीं लड़ पाएंगे।
लोक प्रतिनिधि अधिनियम, 1951 की धारा 8 (3) के मुताबिक, अगर किसी भी सांसद या विधायक को किसी मामले में 2 या 2 साल से ज्यादा की सजा सुनाई जाती है तो उनकी सदस्यता (संसद और विधानसभा से) रद्द हो जाएगी. इतना ही नहीं, सजा की अवधि पूरी करने के बाद 6 साल तक चुनाव लड़ने के लिए अयोग्य भी होते हैं। इस कानून की धारा 8(3) में कहा गया है कि अगर किसी सांसद को दोषी ठहराया जाता है और दो साल से कम की कैद की सजा नहीं होती है तो उसे अयोग्य ठहराया जा सकता है।
दरअसल, 2019 लोकसभा चुनाव के लिए कर्नाटक के कोलार में एक रैली के दौरान राहुल गांधी ने कहा था, कैसे सभी चोरों का उपनाम मोदी है? इसी मामले को लेकर बीजेपी विधायक व गुजरात के पूर्व मंत्री पूर्णेश मोदी ने राहुल गांधी के खिलाफ मानहानि का मामला दर्ज कराया था और गुरुवार को इस मामले में सूरत डिस्ट्रिक्ट कोर्ट ने दोषी करार दिया। हालांकि उन्हें इस फैसले के खिलाफ अपील करने के लिए 30 दिन की मोहलत भी दी गई है लेकिन अदालत के फैसले की वजह से उनकी संसद सदस्यता पर खुद ही अयोग्य हो गई।
अदालत ने 168 पन्ने के फैसले में कहा कि राहुल गांधी अपनी टिप्पणी को प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी, नीरव मोदी, विजय माल्या, मेहुल चौकसी और अनिल अंबानी तक सीमित रख सकते थे, लेकिन उन्होंने ‘जानबूझकर’ ऐसा बयान दिया, जिससे ‘मोदी उपनाम’ रखने वाले लोगों की भावनाएं आहत हुईं और इसलिए यह आपराधिक मानहानि है। अदालत में फैसला सुनाए जाने के समय राहुल गांधी वहां उपस्थित थे।