Bihar:‘बिहारी कहकर कोई गाली न दे’, प्रशांत किशोर ने ऐसा क्यों कहा?

Neelam
By Neelam
3 Min Read

बिहार में साल होने वाले विधानसभा चुनाव को लेकर राजनीतिक गतिविधियां तेज हैं। इसी क्रम में जन सुराज पार्टी के संस्थापक प्रशांत किशोर की बिहार बदलाव यात्रा कर रहे हैं। अपनी यात्रा के क्रम में प्रशांत किशोर ने सीतामढ़ी के पुपरी में एक जनसभा को संबोधित किया। इस दौरान उन्होंने मौजूदा सरकार पर निशेना साधते हुए कहा कि बिहार की जनता इस बार अपने बच्चों के भविष्य को लेकर वोट करें न कि किसी नेता के चेहरे को देखकर। उन्होंने कहा कि इस बार की दिवाली बिहार की बदहाली की अंतिम दिवाली है।

‘जय बिहार, जय जय बिहार’ का नारा बुलंद करने की अपील

सीतामढ़ी के पुपरी में सभा को संबोधित करते हुए प्रशांत किशोर ने जनता से भावनात्मक अपील की कि वे अब किसी नेता या पार्टी के लिए नारे न लगाएं, बल्कि अपने पूर्वजों और मातृभूमि के सम्मान के लिए सिर्फ एक ही नारा बुलंद करें– ‘जय बिहार, जय जय बिहार’ उन्होंने कहा कि यह नारा आने वाली पीढ़ियों के लिए गर्व का प्रतीक बनना चाहिए, ताकि भविष्य में कोई व्यक्ति ‘बिहारी’ कहकर गाली न दे सके।

पीएम मोदी पर बोला हमला

पीके ने एक बार फिर लोगों से आगामी विधानसभ चुनाव में लालू, नीतीश, मोदी के लिए नहीं, बल्कि सूबे में जनता का राज स्थापित करने के लिए वोट देने की अपील की। प्रशांत किशोर ने कहा कि इस बार अपने बच्चों की शिक्षा और रोजगार के लिए वोटिंग करनी है। उन्होंने कहा कि मोदी जी बिहार की जनता से वोट लेकर गुजरात में फैक्ट्री लगा रहे हैं। पूरे देश का पैसा लेकर गुजरात के गांव-गांव में फैक्ट्री लगाई जा रही है और बिहार के बच्चे वहां जाकर मजदूरी करने को मजबूर हैं। उन्होंने जनता से पूछा कि जब वोट आपका है, तो फैक्ट्री कहां लगनी चाहिए, गुजरात में या बिहार में?

यह संपर्क अभियान है, वोट मांगने का नहीं-पीके

प्रशांत किशोर आगे साफ तौर पर कहा कि यह अभियान केवल जनसंपर्क और जनजागरण का है, इसमें उन्होंने न वोट मांगा है और न ही किसी से चंदा लिया है। उन्होंने कहा कि अगर यह प्रयास जनता को उचित लगता है, तो उन्हें इस बदलाव की लड़ाई में साथ देना चाहिए। उन्होंने लोगों से आह्वान किया कि वे इस बार दीवाली और छठ को इस सोच के साथ मनाएं कि यह उनकी गरीबी और बिहार की बदहाली का अंतिम त्योहार होगा

Share This Article