बिहार विधानसभा चुनाव के बीच विपक्षी महागठबंधन के मुख्यमंत्री पद के उम्मीदवार और राष्ट्रीय जनता दल के नेता तेजस्वी यादव ने बड़ा बयान दिया है। तेजस्वी ने रविवार को कटिहार में वक्फ़ कानून को लेकर बड़ी बात कही। चुनावी सभा को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा कि अगर राज्य में महागठबंधन की सरकार बनी, तो केंद्र सरकार द्वारा पारित वक्फ़ (संशोधन) अधिनियम को कूड़ेदान में फेंक दिया जाएगा।

मुस्लिम बहुल कटिहार पहुंचे तेजस्वी यादव ने कहा, नीतीश कुमार पलटी मारकर भाजपा में चले गए। बीजेपी को अगर बिहार में किसी ने जगह दी, तो वह नीतीश कुमार हैं।जब हमारी सरकार थी तो किसी में हिम्मत नहीं थी कि कोई दंगा करवा ले। हमलोगों ने कभी भी घुटने नहीं टेके। बीजेपी वाले सबसे ज्यादा लालू यादव से डरते हैं। तेजस्वी यादव ने कहा कि जो मुस्लिमों के मर्जी के खिलाफ जो कानून बीजेपी लाई है, हमारी सरकार बनने पर उसे कूड़ेदान में फेंक देंगे।
तेजस्वी का नीतीश पर निशाना
तेजस्वी ने कहा, मेरे पिता लालू प्रसाद यादव ने कभी भी सांप्रदायिक ताकतों से समझौता नहीं किया। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने हमेशा ऐसी ताकतों का समर्थन किया है और उन्हीं की वजह से आरएसएस और उसके सहयोगी संगठन राज्य के साथ-साथ देश में भी सांप्रदायिक नफरत फैला रहे हैं। भाजपा को ‘भारत जलाओ पार्टी’ कहा जाना चाहिए।
मुख्यमंत्री अब होश में नहीं हैं
तेजस्वी यादव ने आगे कहा कि बिहार की जनता 20 साल पुराने नीतीश कुमार शासन से थक चुकी है। उन्होंने आरोप लगाया कि मुख्यमंत्री अब होश में नहीं हैं। राज्य के हर विभाग में भ्रष्टाचार फैला है और कानून-व्यवस्था की हालत बदतर हो चुकी है। तेजस्वी ने सीमांचल क्षेत्र के विकास का भी वादा किया। उन्होंने कहा कि एनडीए सरकार ने सीमांचल क्षेत्र के विकास के लिए कुछ नहीं किया। अगर हमारी सरकार बनी, तो सीमांचल विकास प्राधिकरण का गठन किया जाएगा। सीमांचल में पूर्णिया, अररिया, किशनगंज और कटिहार जिले आते हैं, जहां मुस्लिम आबादी बड़ी संख्या में है।
राजद एमएलसी ने भी वक्फ़ बिल फाड़ने की कही बात
इससे पहले शनिवार को राजद एमएलसी मोहम्मद कारी सोहैब ने कहा था कि अगर तेजस्वी यादव मुख्यमंत्री बने तो सभी बिल, जिसमें वक्फ़ बिल भी शामिल है, फाड़ दिए जाएंगे।इस बयान के बाद सियासी घमासान मच गया था। विपक्षी दलों ने सवाल उठाया कि कोई मुख्यमंत्री केंद्र के कानून को कैसे रद्द कर सकता है।
इसी साल अप्रैल में संसद से पारित हुआ वक्फ़ बिला
बता दें कि वक्फ़ (संशोधन) अधिनियम अप्रैल में संसद से पारित हुआ था। केंद्र की भाजपा नेतृत्व वाली एनडीए सरकार का दावा है कि यह कानून मुस्लिम समुदाय, खासकर पिछड़े वर्गों और महिलाओं के सशक्तिकरण के लिए पारदर्शिता लाने वाला है। लेकिन विपक्ष का कहना है कि यह अधिनियम मुस्लिमों के अधिकारों का उल्लंघन करता है।

