बिहार विधानसभा चुनाव से पहले मतदाता सूची पुनरीक्षण (एसआईआर) को लेकर विपक्षी दलों में नाराजगी है। राजद नेता तेजस्वी यादव ने चुनाव आयोग पर भाजपा का पक्षधर होने का आरोप लगाया है। उन्होंने आयोग पर विपक्ष से मिलने से इनकार करने और संविधान का उल्लंघन करने का आरोप लगाया। हालांकि, इस बीच ‘इंडिया’ गठबंधन के घटक दलों के नेताओं ने निर्वाचन आयोग से मुलाकात की है। महागठबंधन के नेताओं ने निर्वाचन आयोग से मुलाकात कर इस कवायद को कराने के समय से जुड़ी अपनी चिंताओं से अवगत कराया। उन्होंने आरोप लगाया कि विधानसभा चुनाव से ठीक पहले कराई जा रही इस कवायद के कारण राज्य के दो करोड़ लोग वोट डालने का अधिकार खो सकते हैं।

11 दलों के नेता पहुंचे चुनाव आयोग
‘इंडिया’ गठबंधन के कई घटक दलों के नेताओं ने बिहार में जारी मतदाता सूची के विशेष गहन पुनरीक्षण (एसआईआर) को लेकर बुधवार को निर्वाचन आयोग का रुख किया। कांग्रेस, समाजवादी पार्टी, राष्ट्रीय जनता दल, मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी (माकपा), भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (माले) लिबरेशन समेत 11 दलों के नेताओं ने मुख्य चुनाव आयुक्त ज्ञानेश कुमार और अन्य चुनाव आयुक्तों से मुलाकात की और राज्य में विधानसभा चुनाव से कुछ महीने पहले किए जा रहे विशेष पुनरीक्षण को लेकर आपत्ति जताई।
हमें चुनाव आयोग में प्रवेश के नियम बताए गए-सिंघवी
मुलाकात के बाद कांग्रेस नेता अभिषेक मनु सिंघवी ने पत्रकारों को बताया कि उन्होंने चुनाव आयोग के उस नए निर्देश का भी विरोध किया, जिसमें कहा गया है कि सिर्फ पार्टी अध्यक्ष ही आयोग के दफ्तर में प्रवेश कर सकते हैं। सिंघवी ने कहा, पहली बार हमें चुनाव आयोग में प्रवेश के नियम बताए गए। पहली बार कहा गया कि सिर्फ पार्टी अध्यक्ष ही आ सकते हैं। इस तरह की पाबंदी से आयोग और राजनीतिक दलों के बीच जरूरी संवाद नहीं हो पाएगा। उन्होंने बताया कि पहले से सूची देकर भी कई वरिष्ठ नेताओं को तीन घंटे तक बाहर इंतजार करना पड़ा।
‘एक व्यक्ति, एक वोट’ के सिद्धांत में छेड़छाड़ का करेंगे विरोध-मनोज झा
वहीं, राजद नेता मनोज झा ने चेतावनी दी कि अगर ‘एक व्यक्ति, एक वोट’ के सिद्धांत में छेड़छाड़ की गई, तो वह विरोध करेंगे। उन्होंने मतदाता सूची में बदलाव के लिए मांगे जा रहे दस्तावेजों पर भी सवाल उठाए गए।
बिहार कांग्रेस अध्यक्ष ने क्या कहा?
बिहार कांग्रेस अध्यक्ष राजेश कुमार ने कहा कि चुनाव आयोग ने तुगलकी फरमान जारी किया है। लाखों, करोड़ों वोटर्स पर खतरा है। चुनाव आयोग में हमारी बात भी सही से नहीं सुनी गई। बिहार के वोटर्स के अधिकार छीने गए हैं। बिहार के काफी लोग बाहर रहते हैं ,वो वोटर्स कैसे बनेगा? प्राकृतिक आपदा से पीड़ित लोग कैसे डॉक्यूमेंट देंगे?