नालंदा जिले के हिलसा थाना क्षेत्र के मलावां गांव में बुधवार को उस समय हड़कंप मच गया, जब बिहार सरकार में ग्रामीण विकास मंत्री श्रवण कुमार और हिलसा विधानसभा के विधायक कृष्ण मुरारी उर्फ प्रेम मुखिया पर ग्रामीणों ने हमला कर दिया। ग्रामीणों की भीड़ ने लाठी-डंडों के साथ मंत्री और विधायक का घेराव कर उन्हें दौड़ा दिया। इस दौरान मंत्री श्रवण कुमार और विधायक को किसी तरह जान बचाकर वहां से भागना पड़ा। हालांकि, ग्रामीणों के हमले में एक बॉडीगार्ड घायल हो गया।

दरअसल, मंत्री श्रवण कुमार और विधायक कृष्ण मुरारी, शाहजहांपुर थाना क्षेत्र में हुए दर्दनाक हादसे के पीड़ित परिवारों से मिलने गए थे। इस हादसे में 9 लोगों की जान चली गई थी। वे आज सुबह हिलसा के मलावां गांव पहुंचे थे। तभी नाराज़ ग्रामीणों ने उन पर हमला कर दिया। बताया जा रहा है कि ग्रामीण पहले से ही स्थानीय विधायक से नाराज चल रहे थे। इसी नाराजगी की वजह से जैसे ही वह गांव पहुंचे, लोगों का आक्रोश सामने आ गया।
पीडित परिजनों से मिलने पहुंचे थे दोनों नेता
शनिवार सुबह पटना के शाहजहांपुर थाना क्षेत्र के सिकिरियावां हाल्ट के पास ट्रक और ऑटो की टक्कर में 9 लोगों की मौत हो गई थी। सभी मृतक नालंदा जिले के हिलसा थाना क्षेत्र के मलावां गांव के रहने वाले थे। बताया जाता है कि दोनों नेताओं ने परिवारजनों से मुलाकात की और सांत्वना देने के बाद वहां से लौटने की तैयारी करने लगे। इसी दौरान ग्रामीणों ने उनसे आग्रह किया कि वे थोड़ी देर और गांव में रुकें। लेकिन मंत्री ने कहा कि वे सभी परिवारों से मिल चुके हैं और आगे का कार्यक्रम उन्हें अटेंड करना है। इस पर भीड़ गुस्से में आ गई।
क्यों भड़का ग्रामीणों का गुस्सा
ग्रामीणों का आरोप था कि मंत्री और विधायक चार दिन बाद पीड़ित परिवार के यहां पहुंचे और अब भी मात्र कुछ मिनट रुककर जा रहे हैं जबकि ग्रामीण चाहते थे कि नेता जी कम-से-कम दो-तीन घंटे समय दें और उनकी समस्याएं सुनें। ग्रामीणों का ये भी आरोप था कि हादसे के दिन विधायक के कहने पर ही उन्होंने सड़क जाम हटाया था, लेकिन आज तक उन्हें सही मुआवजा नहीं मिला। आक्रोशित लोगों ने अचानक लाठी-डंडे निकाल लिए और मंत्री व विधायक पर हमला कर दिया। हालात बिगड़ने पर दोनों नेता गांव से लगभग एक किलोमीटर दूर भागकर किसी तरह अपनी जान बचा पाए।
नीतीश के भरोसेमंद सिपाही हैं श्रवण कुमार
बता दें कि बिहार सरकार में ग्रामीण विकास कार्य मंत्री श्रवण कुमार मुख्यमंत्री नीतीश के सबसे भरोसेमंद नेताओं में गिने जाते हैं। सीएम के गृह जिले नालंदा से ताल्लुक रखने वाले श्रवण कुमार सात बार से लगातार विधायक हैं। जेपी मूवमेंट से राजनीति से जुड़े और फिर 1994 में समता पार्टी की स्थापना के समय से ही नीतीश कुमार के साथ खड़े रहे। 1995 में समता पार्टी के टिकट पर नालंदा से विधायक बने और तब से लेकर आज तक हुए हर विधानसभा चुनाव में जीत दर्ज की।