बिहार भाजपा के कद्दावर नेता और पूर्व सहकारिता मंत्री रामाधार सिंह ने भारतीय जनता पार्टी से किनारा कर लिया है। रविवार को भाजपा के वरिष्ठ नेता रहे रामाधार सिंह ने पार्टी से बगावत कर दी। साथ ही उन्होंने नई पार्टी का भी ऐलान कर दिया। रामाधार सिंह ने साफ ऐलान किया कि वे अब भाजपा के साथ नहीं रहेंगे और एक नया राजनीतिक संगठन “मगध विकास मोर्चा” बनाकर आगामी विधानसभा चुनाव में उतरेंगे।

मगध विकास मोर्चा का आज होगा औपचारिक ऐलान
रामाधार सिंह ने बताया कि उन्होंने भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष दिलीप जायसवाल को फोन कर सीधे कह दिया है – “अब इस पार्टी में नहीं रहना है।” उन्होंने कहा कि सोमवार को औपचारिक रूप से मगध विकास मोर्चा की घोषणा करेंगे। पूर्व मंत्री ने कहा कि वे औरंगाबाद विधानसभा सीट से खुद चुनाव मैदान में उतरेंगे। साथ ही, नबीनगर से धर्मेंद्र कुमार, कुटुम्बा (सुरक्षित) से अजय भुईंया, गया के इमामगंज (सुरक्षित) से सतीश भारती, वजीरगंज से अभय सिंह गहौना और जहानाबाद से गोपाल सिंह को उम्मीदवार घोषित किया है।
भाजपा सरकार की नीतियों के खिलाफ होगा घोषणा पत्र
रामाधार सिंह का कहना है कि पार्टी का घोषणापत्र खास तौर पर भाजपा और मौजूदा सरकार की नीतियों के खिलाफ केंद्रित होगा। उन्होंने दो मुख्य मुद्दों को सबसे आगे रखा भूमि सर्वेक्षण तत्काल बंद करने की मांग।भाजपा में आए दलबदलू नेताओं को बाहर करने का संकल्प। इसके अलावा किसानों को हर खेत तक पानी पहुँचाने के वादे भी घोषणापत्र में शामिल होंगे। सिंह ने दावा किया कि अगर उनके उम्मीदवार जीतते हैं तो उत्तर कोयल नहर का पानी गुरुआ-टेकारी तक पहुंचेगा। तिलैया डैम से वजीरगंज तक पानी मिलेगा।सोनदाहा डैम का पानी आमस तक पहुंचेगा।पुनपुन नदी का पानी जहानाबाद तक पहुँचाया जाएगा।
लगातार दो चुनाव हारने के बाद बदला मन
रामाधार सिंह पिछले दो विधानसभा चुनाव हार चुके हैं और पार्टी से उपेक्षित महसूस कर रहे थे। इस बार भी वे औरंगाबाद सीट से भाजपा टिकट के प्रबल दावेदार थे, लेकिन टिकट न मिलने की संभावना को देखते हुए उन्होंने नया मोर्चा बना लिया। रामाधार सिंह की गिनती भाजपा के दिग्गज नेताओं में होती रही है। उन्होंने औरंगाबाद में पार्टी को खड़ा करने में अहम भूमिका निभाई थी। अब उनके अलग मोर्चा बनाने से भाजपा और एनडीए उम्मीदवारों के समीकरण बिगड़ सकते हैं, क्योंकि मगध प्रमंडल में उनका खासा प्रभाव माना जाता है।