मुजफ्फरपुर के कुढ़नी विधानसभा क्षेत्र में बीजेपी विधायक केदार प्रसाद गुप्ता के निजी सहायक विनोद दास को गोली लगने के मामले में बड़ा खुलसा हुआ है। शुरुआत में दावा किया गया था कि विनोद दास को अज्ञात अपराधियों ने गोली मारी, लेकिन एफएसएल रिपोर्ट और पुलिस की गहन जांच ने पूरी कहानी पलट दी है।

विनोद दास ने दिया झूठा बयान
इस मामले में पुलिस की जांच ने बड़ा खुलासा किया है। जांच में पता चला है कि विनोद दास ने पुलिस को जो बयान दिया था, वह झूठा था। घटना के दौरान हुई गोलीबारी वास्तव में शादी समारोह में हुई हर्ष फायरिंग के दौरान चली थी।
बयान का घटनास्थल और सबूतों से कोई मेल नहीं
पुलिस के अनुसार, घटना वाली रात विनोद दास ने खुद ही अस्पताल पहुंचकर बताया कि अपराधियों ने उन पर हमला किया। लेकिन जांच में यह स्पष्ट हुआ कि अस्पताल में दिया गया उनके बयान का घटनास्थल और सबूतों से कोई मेल नहीं था।
गोली अवैध हथियार से चली थी
एफएसएल टीम की तकनीकी रिपोर्ट में यह बात सामने आई कि विनोद को लगी गोली अवैध हथियार से चली थी और चोट का कोण ऊपर से नीचे की ओर था, जो मौके की स्थिति से ही मेल खाता है। पुलिस ने शादी समारोह के पंडाल से उस हथियार को बरामद भी कर लिया है। जांच में यह भी खुलासा हुआ कि गोली चलने के समय विनोद दास के साथ तीन अन्य लोग भी मौजूद थे।
एसएसपी ने खोला गोलीकांड का राज
एसएसपी सुशील कुमार ने प्रेस को जानकारी देते हुए कहा कि विनोद दास का बयान शुरुआती जांच से पूरी तरह अलग था। तकनीकी साक्ष्यों, एफएसएल रिपोर्ट और प्रत्यक्षदर्शियों के बयान के बाद यह साफ हो गया है कि घटना के पीछे किसी बाहरी हमलावर की भूमिका नहीं थी। यह पूरी तरह से हर्ष फायरिंग और लापरवाही का मामला है।
बता दें कि यह घटना मुजफ्फरपुर के मनियारी थाना क्षेत्र के अमरख गांव में हुई। शादी समारोह के दौरान विनोद दास घायल हो गए। आनन-फानन में वह अपने कुछ साथियों के साथ शहर के एक निजी अस्पताल में भर्ती हुए और फिर पुलिस और अन्य लोगों को बताया कि अज्ञात बदमाशों ने उन्हें गोली मारी।विधायक केदार प्रसाद गुप्ता भी घटना स्थल पर पहुंचे और कहा कि उनके पीए पर हुई गोलीबारी की सही जानकारी सामने आएगी और दोषियों को बख्शा नहीं जाएगा।

