Bihar: बिहार के इस बाहुबली नेता को राबड़ी आवास में नहीं मिली एंट्री, तेजस्वी के गार्ड ने दरवाजे से बैरंग लौटाया

Neelam
By Neelam
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बाहुबली नेता अशोक महतो से लालू प्रसाद यादव किनारा करते दिख रहे हैं। बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री राबड़ी देवी के आवास में बाहुबली अशोक महतो की एंट्री नही मिली है। गुरुवार की रात्रि में अशोक महतो पटना स्थित राबड़ी आवास लालू प्रसाद और तेजस्वी यादव से मिलने पहुंचे थे। लेकिन गार्ड ने इंट्री नही दिया। जिसके बाद वे काफी देर तक इंतजार करते रहे और फिर वापस लौट गए।

बिहार विधानसभा चुनाव जैसे-जैसे नजदीक आ रहे हैं, राज्य की सियासत में हलचल चरम पर है। महागठबंधन के भीतर सीट बंटवारे और टिकट वितरण को लेकर अंदरूनी खींचतान जारी है। इसी कड़ी में गुरुवार की रात को आरजेडी के बाहुबली नेता अशोक महतो राबड़ी आवास पहुंचे। अशोक महतो तेजस्वी यादव से मुलाकात करने पहुंचे थे। लेकिन, अशोक महतो को घर में एंट्री नहीं मिली। अशोक महतो मुलाकात के लिए कहते रहे लेकिन गार्ड ने एंट्री नही दिया। दरवाजा बंद कर दिया। लिहाजा, अशोक महतो अपने समर्थकों के साथ बैरंग वापस लौट गए।

पत्नी के लिए टिकट की उम्मीद लिए पहुंचे थे राबड़ी आवास

बाहुबली नेता अशोक महतो आगामी विधानसभा चुनाव में पत्नी अनिता कुमारी को लड़ना चाहते हैं और वह टिकट के सिलसिले में ही तेजस्वी यादव से मिलने पहुंचे थे। बताया जा रहा है कि अशोक महतो पत्नी अनिता कुमारी को वारसलीगंज विधानसभा सीट से आरजेडी के टिकट पर प्रत्याशी बनाना चाहते हैं।

जेल ब्रेक कांड में सजायाफ्ता

अशोक महतो जेल ब्रेक कांड का सजायाफ्ता रहे हैं। साल 2001 में नवादा जेल ब्रेक कांड में उन्हें 17 साल की सजा हुई थी। अब वे खुद चुनाव नही लड़ सकते थे। लिहाजा, 62 की उम्र में अशोक महतो ने अनिता कुमारी से शादी की थी। 2024 के लोकसभा चुनाव में अशोक महतो ने जेल से बाहर आने के बाद नाटकीय तरीके से अनिता कुमार से शादी रचाई थी। जिसके बाद 2024 के लोकसभा चुनाव में अशोक की नवविवाहिता अनिता को मुंगेर से जेडीयू सांसद राजीव रंजन उर्फ ललन सिंह के खिलाफ राजद का उम्मीदवार बनाया गया था। इस चुनाव में अनिता दूसरे स्थान पर रही थी। राजीव रंजन जीते थे। इधर, बाहुबली अशोक महतो वारिसलीगंज क्षेत्र से पत्नी अनिता को चुनाव लड़ाने की तैयारी में जुटे हैं। इसके लिए अशोक महतो दंपति वारिसलीगंज क्षेत्र में जनसंपर्क अभियान चला रहे हैं।

कई वारदात में नाम आया सामने

अशोक महतो का राजनीतिक सफर हमेशा से विवादों और चुनौतीपूर्ण परिस्थितियों से भरा रहा है। उनके राजनीतिक जीवन में कई घटनाएं ऐसी रही हैं, जो उन्हें बिहार के विवादित नेताओं में गिनती में लाती हैं। 1990 के दशक में नवादा, शेखपुरा, लखीसराय और नालंदा जिलों में उनके राजनीतिक और अपराध संबंधी प्रभाव के कई मामले सामने आए। एक दौर था जब अशोक महतो ने बिहार के भूमिहारों के खिलाफ खुली लड़ाई छेड़ दी थी।

अशोक महतो से नाराज हैं तेजस्वी

पिछले दिनों एक यूट्यूब चैनल से बातचीत में अशोक महतो ने ‘भूरा बाल साफ करो’ कहा था. यहां इसका मतलब है भूमिहार, राजपूत, ब्राह्मण और लाला यानी कायस्थ से है। तेजस्वी यादव पिछले दो चुनावों से ए टू जेड और BAAP फॉर्मूले का जिक्र करते आ रहे हैं। ऐसे में माना जा रहा है कि अशोक महतो का ऐसा कहने से तेजस्वी यादव नाराज बताए जा रहे हैं।

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