उत्तर प्रदेश की राजनीति में लगातार पिछड़ती जा रही मायावती ने बिहार में होने वाले विधानसभा चुनाव से पहले अपनी राजनीतिक सक्रियता बढ़ा दी है। बहुजन समाज पार्टी अध्यक्ष ने बिहार विधानसभा चुनाव 2025 के लिए अपनी रणनीति साफ की है। इसमें उन्होंने बिहार की सभी 243 विधानसभा सीटों पर उम्मीदवार उतारने का ऐलान कर दिया है।
गहन मंथन के बाद बड़ा फैसला
बसपा सुप्रीमो मायावती ने एक्स पर एक पोस्ट में लिखा, बिहार विधानसभा के लिए जल्द अगले कुछ महीनों में ही होने वाले आमचुनाव में बीएसपी उम्मीदवारों के चयन सहित पार्टी के हर स्तर की तैयारियों को लेकर वरिष्ठ पदाधिकारियों के साथ पिछले दो दिनों की बैठक में गहन चर्चा व समीक्षा की गई। इस दौरान अकेले अपने बल पर चुनाव लड़ने के फैसले के मद्देनजर आने वाले दिनों में पार्टी के विभिन्न कार्यक्रमों की रूपरेखा को भी अन्तिम रूप दिया गया।
बिहार चुनाव की जिम्मेदारी भतीजे आकाश को सौंपी
मायावती ने बिहार चुनाव की जिम्मेदारी अपने भतीजे आकाश आनंद को सौंपी है। बता दें कि कुछ दिन पहले ही मायावती ने आकाश आनंद को बीएसपी का राष्ट्रीय संयोजक बनाया था, जिसके बाद उन्हें अब बिहार चुनाव की जिम्मेदारी सौंपी गई है। आकाश आनंद के साथ केंद्रीय कोऑर्डिनेटर और राज्यसभा सांसद रामजी गौतम पार्टी और बिहार स्टेट यूनिट इसकी जिम्मेदारी संभालेंगे।
क्या दलित वोट बैंक को खींचने में मिलेगी कामयाबी?
मायावती के इस फैसले के बाद सवाल उठ रहे हैं कि क्या दलित वोट बैंक के लगातार छिटकने से परेशान बहुजन समाज पार्टी को बिहार चुनाव में संजीवनी मिलेगी ? सवाल यह भी है कि उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव में एक सीट हासिल करने वाली बसपा क्या बिहार के दलित वोट बैंक को अपनी तरफ कर पाने में कामयाब होगी?
बिहार चुनाव से लौटेगा मायावती का भरोसा?
उत्तर प्रदेश के राजनीतिक मैदान में बहुजन समाज पार्टी लगातार पिछड़ती जा रही है। उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव 2022 में पार्टी को महज एक सीट पर जीत मिली। यह प्रदेश में बसपा के सबसे खराब प्रदर्शनों में एक मानी जा रही है। ऐसे में मायावती की कोशिश खुद को एक बार फिर राष्ट्रीय स्तर का दलित नेता साबित करने की कोशिश में हैं। ऐसे में बिहार चुनाव उनके सामने एक बड़े मौके की तरह है।

