बिहार में मतदाता सूची प्रारूप प्रकाशित होने के बाद से शुरू हुआ सियासी घमासान जारी है। विपक्ष लगातार वोट चोरी का आरोप लगा रहा है। इस बीच मुजफ्फरपुर में मतदाता सूची पुनः निरीक्षण के दौरान एक चौंकाने वाला मामला सामने आया है। एक मकान के पते पर 269 वोटरों के नाम हैं। चौंकाने वाला मामला ये भी है कि इस मकान में अलग-अलग जाति और धर्म को मानने वाले लोग रहते हैं।

एक ही पते पर हिंदू-मुस्लिम-क्रिश्चियन
मुजफ्फरपुर के भगवानपुर दक्षिणी भाग में बूथ नंबर 370 की ड्राफ्ट मतदाता सूची में मकान नंबर 27 के पते पर 269 मतदाताओं के नाम दर्ज हैं। इसमें हिंदू, मुस्लिम और क्रिश्चियन समुदाय के लोग शामिल हैं। जिनके उपनाम ठाकुर, यादव, सिंह, मियां, पीटर, अग्रवाल, वर्मा और श्रीवास्तव तक हैं।
एक ही गांव के हैं सभी मतदाता
इस बूथ का नाम है उत्क्रमित मध्य विद्यालय जो भगवानपुर दक्षिणी भाग में स्थित है। बीते 1 अगस्त 2025 को जारी विशेष गहन पुनरीक्षण (एसआईआर) की ड्राफ्ट मतदाता सूची में मकान नंबर 27 के पते पर 269 वोटरों के नाम दर्ज हैं। भगवानपुर (दक्षिमी भाग) में उत्क्रमित मध्य विद्यालय बूथ पर कुल 629 वोटर हैं जिनमें 43% यानी 269 लोग एक ही पते पर दिखाए गए हैं। सारे मतदाता उसी गांव के रहने वाले हैं, लेकिन उनके असली घरों के मकान नंबर अलग-अलग हैं। स्थानीय पूर्व वार्ड पार्षद उपेंद्र कुमार ने बताया कि सभी लोग असल में यहां के स्थायी निवासी हैं, बस मतदाता सूची में मकान नंबर गलत दर्ज हो गया है—और यह गलती कई सालों से चली आ रही है।
मुजफ्फरपुर जिला प्रशासन ने दी सफाई
जब यह मामला मीडिया में आया, तो मुजफ्फरपुर जिला प्रशासन ने सफाई दी कि मतदाता सूची में दर्ज मकान नंबर वास्तविक नहीं होते, बल्कि अस्थायी एवं प्रतीकात्मक होते हैं। इसके बावजूद, चुनावी पारदर्शिता पर सवाल उठ रहे हैं कि जब SIR के तहत गहन पुनः निरीक्षण हो रहा था, तब इस प्रकार की विसंगतियों को सुधारा क्यों नहीं गया।