
मिरर मीडिया : बहुजन समाज पार्टी की अध्यक्ष मायावती ने रविवार को समान नागरिक संहिता पर बड़ा बयान देते हुए कहा कि उनकी पार्टी देश में समान नागरिक संहिता लागू करने के खिलाफ नहीं है बल्कि वह भाजपा सरकार द्वारा इसे लागू करने के तौर-तरीके से सहमत नहीं हैं। उन्होंने कहा कि अनुच्छेद 44 में यूसीसी बनाने का प्रयास तो वर्णित हैं, लेकिन इसे किसी के ऊपर थोपने का अधिकार नहीं हैं , इसीलिए इन सब बातों को ध्यान में रखकर ही देश में यूसीसी लागू करने के लिए कोई कदम उठाना चहिए।
वहीं बसपा अध्यक्ष ने आगे कहा कि विशाल आबादी वाले भारत देश में हिंदू, मुस्लिम, सिख इसाई, पारसी बौद्ध अलग-अलग धर्मों को मानने वाले लोग रहते हैं ।इनके अपने खान-पान, रहन-सहन और जीवनशैली के तौर-तरीके और रस्म-रिवाज हैं। इसे नजरअंदाज नहीं किया जा सकता है |
बता दें कि समान नागरिक संहिता पर सरकार द्वारा जनता से 13 जुलाई तक सुझाव मांगें गए है । उसी सुझाओं के आधार पर सरकार द्वारा कोई निष्कर्ष निकाले जाएंगे।