मिरर मीडिया : देश के पहले सीडीएस जनरल बिपिन रावत समेत 14 लोगों की जिस हेलिकॉप्टर दुर्घटना में मौत हुई थी, उस मामले की जांच के बाद शुरुआती जानकारी सामने आ गई है। इस परिप्रेक्ष्य में भारतीय वायुसेना ने बताया कि आठ दिसंबर 2021 को Mi-17 V5 हेलिकॉप्टर दुर्घटना की ट्राई-सर्विस जांच ने अपने शुरुआती नतीजों में फ्लाइट डेटा रिकॉर्डर और कॉकपिट वॉयस रिकॉर्डर का एनालिसिस किया जिसमें ये बात निकलकर सामने आई है कि हेलिकॉप्टर दुर्घटना के पीछे मैकेनिकल फेलियर, तोड़फोड़ या लापरवाही का हाथ नहीं है।
प्रारंभिक नतीजों के मुताबिक, घाटी में मौसम की स्थिति में अप्रत्याशित बदलाव देखने को मिला, जिसकी वजह से हेलिकॉप्टर बादलों के बीच जाकर फंस गया और दुर्घटनाग्रस्त हो गया। बादलों की वजह से पायलट को दिशाभ्रम हो गया और हेलिकॉप्टर अनियंत्रित होकर जमीन से जा टकराया। प्राप्त जानकारी के अनुसार जांच दल ने दुर्घटना के सबसे संभावित कारण का पता लगाने के लिए सभी उपलब्ध गवाहों से पूछताछ की। इसके अलावा फ्लाइट डेटा रिकॉर्डर और कॉकपिट वॉयस रिकॉर्डर का एनालिसिस किया गया।