Dhanbad: जज के कूक का मूक-बधिर पुत्र सुरक्षित बरामद, डीएलएसए और सीडब्लूसी की संयुक्त पहल से हुआ रेस्क्यू

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मिरर मीडिया संवाददाता, धनबाद: एक हृदयस्पर्शी घटना में, धनबाद के न्यायाधीश के कूक का 13 वर्षीय मूक-बधिर पुत्र चीरागोड़ा लखन मोड़ के पास सुरक्षित रूप से बरामद किया गया। इस मामले को गंभीरता से लेते हुए जिला विधिक सेवा प्राधिकरण (डीएलएसए) और बाल कल्याण समिति (सीडब्लूसी) की संयुक्त पहल ने बच्चे को सही समय पर बचाने में अहम भूमिका निभाई।घटना की शुरुआत तब हुई जब एक टूनटूनी नामक स्कूल वाहन के चालक ने इस बालक को लखन मोड़ के पास अकेले घूमते हुए देखा। चालक ने तुरंत कूक के भांजा को सूचित किया, जिससे पूरे घटनाक्रम की जानकारी मिली। बालक के गायब होने की खबर मिलने के बाद, सीडब्लूसी के चेयरपर्सन उत्तम मुखर्जी ने इसे गंभीरता से लिया और तत्काल जिला विधिक सेवा प्राधिकरण के सचिव, अवर न्यायाधीश राकेश रौशन को सूचित किया।

इसके बाद, पीएलवी (पैरा लीगल वोलंटियर) चंदन कुमार ने इस बालक को बाल कल्याण समिति के समक्ष प्रस्तुत किया। बालक की स्थिति को ध्यान में रखते हुए, सीडब्लूसी ने कई महत्वपूर्ण निर्देश जारी किए। डीएलएसए सचिव राकेश रौशन के मार्गदर्शन में, बालक के हित में कई फैसले लिए गए। जिला बाल संरक्षण इकाई को इन फैसलों का अनुपालन सुनिश्चित करने के निर्देश भी दिए गए।

सीडब्लूसी चेयरपर्सन उत्तम मुखर्जी ने कहा, “यह मामला डीएलएसए सचिव राकेश रौशन की पहल पर सीडब्लूसी के पास लाया गया था। उनकी तत्परता के कारण ही बालक को सुरक्षित बरामद किया जा सका।” मामले की गंभीरता को देखते हुए धनबाद थाने में भी एक प्राथमिकी दर्ज की गई थी। पुलिस को भी बरामदगी स्थल पर जाकर जाँच करने के निर्देश दिए गए हैं, और वे जल्द ही घटना से संबंधित सभी लोगों से पूछताछ शुरू करेंगे।

इस घटना में डीएलएसए और सीडब्लूसी के संयुक्त प्रयास की सराहना हर तरफ हो रही है। दोनों संस्थाओं ने मिलकर एक संवेदनशील मामले को सफलतापूर्वक सुलझाया और बालक को सुरक्षित रूप से उसके परिवार तक पहुँचाने में सफलता पाई। डीएलएसए सचिव राकेश रौशन और सीडब्लूसी अध्यक्ष उत्तम मुखर्जी ने स्वयं बालक और उसके परिवारजनों से मुलाकात की और उनकी स्थिति के बारे में विस्तृत जानकारी ली।

पीएलवी चंदन कुमार को इस मामले का फॉलो-अप करने के लिए भी निर्देश दिए गए हैं, जिससे यह सुनिश्चित किया जा सके कि बालक को दी गई सभी सुविधाओं और निर्देशों का समय पर पालन हो रहा है। साथ ही, बालक के दिव्यांगता प्रमाण पत्र और पेंशन से संबंधित सभी आवश्यक कागजात और प्रक्रियाओं को जल्द पूरा करने के निर्देश दिए गए हैं।

डीएलएसए और सीडब्लूसी की इस संयुक्त पहल ने यह साबित कर दिया है कि संवेदनशील और सामाजिक मामलों में सरकारी और कानूनी संस्थाओं का सही समय पर हस्तक्षेप कितना महत्वपूर्ण होता है। इस घटना के बाद, जिले में इन दोनों संस्थाओं की सराहना हो रही है, और उनकी इस सफल पहल को एक मिसाल के रूप में देखा जा रहा है।

धनबाद जिले में अब इस घटना के बाद पुलिस भी सतर्क हो गई है और वे जल्द ही इस मामले में गहन जांच शुरू करने की तैयारी में हैं। पुलिस द्वारा बरामदगी स्थल की जाँच और बालक के गायब होने के कारणों का पता लगाने के लिए कार्रवाई की जाएगी।

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