मिरर मीडिया : धनबाद के टुंडी प्रखंड स्थित झारखंड बालिका विद्यालय पूर्वी टुंडी में समस्याओं की सूचना पर राज्य बाल संरक्षण आयोग के सदस्य सुनील वर्मा निरिक्षण करने पहुंचे। इस बाबत राज्य बाल संरक्षण आयोग के सदस्य सुनील वर्मा ने उपस्थित बच्चियों से हाल चाल जाना और समस्याओं से अवगत हुए। उन्होंने बालिकाओं से किसी भी प्रकार की समस्याओ को बिना डर के उन्हें अवगत कराने को भी कहा।

पूरे मामले पर जानकारी देते हुए राज्य बाल संरक्षण आयोग के सदस्य सुनील वर्मा ने बताया कि निरिक्षण के दौरान उन्होंने कई सारी अनियमितता देखी। झारखंड बालिका विद्यालय में बिजली की नहीं थी। छात्राओं ने बताया कि उन्हें बिना बिजली के ही रहना पड़ रहा है। जबकि वहाँ बेड भी नहीं मिली। सभी बालिकाओं को जमीन पर ही सोना पड़ रहा है। पानी की भी घोर समस्या पाई गई। बैठने के लिए बेंच की भी कमी थी। बता दें कि पूरे विद्यालय में मात्र 19 बेंच मिली जबकि 232 बच्चियों पर मात्र 4 शिक्षिका ही मिली। बता दें कि उक्त विद्यालय में 232 बच्चीयां रहकर पढ़ाई करती है जिसमें कक्षा 4 से लेकर 9 तक की है।

निरिक्षण के दौरान बच्चियों के खाने में भी अनियमितता पाई गई। भंडार गृह में गंदगी का अंबार पाया गया। जबकि बरसात के मौसम में पत्तागोभी जिसमें फंग्स देखा गया।

इन सब के बीच यहाँ सबसे हैरत कि बात ये है कि 4 दिन पहले यानी 6 जुलाई को ही DSE ने उक्त विद्यालय का निरिक्षण किया था जबकि आज 10 जुलाई को राज्य बाल संरक्षण आयोग के सदस्य सुनील वर्मा भी समस्या की शिकायत और सूचना पर निरिक्षण करने विद्यालय पहुंचे। हालांकि जब इस बाबत उन्होंने धनबाद DSE से वहाँ की ख़राब स्थिति के बारे में पूछा तो उन्होंने गोल मटोल जवाब देते हुए कहा कि वो दूसरी बिल्डिंग में शिफ्ट हो रही है।
वहीं DSE भूतनाथ रजवार अपने निरिक्षण के दौरान फीडबैक में सबकुछ ठीक लिखा। जबकि वहाँ की जमीनी हकीकत कुछ और बयां कर रही थी। अब DSE समस्याओं को किस नजरिये से देखकर सबकुछ सही लिखते हैं ये तो समझ के परे हैं।
वहीं इसके इतर आवासीय विद्यालय की वार्डन ने इसकी राज्य बाल संरक्षण आयोग की टीम द्वारा किय्र ग़र निरिक्षण कि सूचना प्रभारी को दी और पत्र लिखकर पूरे मामले से अवगत कराया साथ ही यह भी आरोप लगाया कि प्रभारी की अनुपस्थिति में आयोग के सदस्य छात्रावास में प्रवेश किए।