पटना : बिहार के लोगों के लिए बड़ी खुशखबरी सामने आई है। तिरुपति बालाजी की तर्ज पर अब पटना जिले के मोकामा में एक भव्य मंदिर आकार लेगा। इसके लिए औपचारिक प्रक्रिया शुरू हो चुकी है। बिहार सरकार ने परियोजना को गति देने के लिए मोकामा खास स्थित 10.11 एकड़ जमीन पर्यटन विभाग को निःशुल्क हस्तांतरित कर दी है। सितंबर में ही सम्राट चौधरी ने मोकामा में तिरुपति बालाजी मंदिर निर्माण का वादा किया था और अब वह वादा जमीन पर उतरता दिखाई दे रहा है।
मंदिर निर्माण के लिए भूमि हस्तांतरण पूरा
सरकार द्वारा मंदिर के लिए उपलब्ध कराई गई भूमि मौजा मोकामा खास, थाना संख्या 30 में स्थित है। पहले यह जमीन पथ निर्माण विभाग के स्वामित्व में थी। भूमि के हस्तांतरण के साथ मंदिर निर्माण की दिशा में पहला बड़ा कदम पूरा हो गया है।
धार्मिक और ऐतिहासिक महत्व वाला क्षेत्र
मोकामा शहर की भौगोलिक और धार्मिक महत्ता को देखते हुए यहां मंदिर निर्माण का निर्णय अत्यंत उपयुक्त माना जा रहा है। गंगा नदी के किनारे स्थित यह क्षेत्र अंग, मगध और मिथिला — तीन प्राचीन जनपदों के संगम स्थल पर है। इसके पास स्थित सिमरिया घाट अर्ध कुंभ मेले का प्रवेश द्वार होने के कारण सदियों से धार्मिक और सांस्कृतिक दृष्टि से महत्वपूर्ण रहा है।
रेल और सड़क कनेक्टिविटी पर्यटन को बढ़ाएगी
मोकामा रेलवे और सड़क, दोनों मार्गों से अत्यधिक कनेक्टेड क्षेत्र है। यहां से दिल्ली–हावड़ा मेन लाइन गुजरती है और यह उत्तर एवं दक्षिण बिहार को जोड़ने वाले रेलवे मार्ग का केंद्र बिंदु है। सड़क संपर्क भी कई राजमार्गों से जुड़ा हुआ है, जिससे भविष्य में यहां बड़े पैमाने पर पर्यटन बढ़ने की संभावना है।
टीटीडी के साथ एमओयू को लेकर प्रक्रिया आगे
पर्यटन विभाग ने मंदिर निर्माण के लिए तिरूमला तिरुपति देवस्थानम् (TTD) के साथ एमओयू पर हस्ताक्षर करने का प्रस्ताव भेज दिया है। टीटीडी के अध्यक्ष बीआर नायडू ने बिहार सरकार द्वारा जमीन उपलब्ध कराने की सराहना करते हुए कहा कि यह एक ऐतिहासिक फैसला है। उन्होंने 99 साल के लिए मात्र 1 रुपये के टोकन लीज पर भूमि देने के लिए भी सरकार के प्रति आभार जताया।
जल्द शुरू होगी विस्तृत चर्चा व निर्माण कार्य
बीआर नायडू ने यह भी कहा है कि जल्द ही मंदिर निर्माण के लिए विस्तृत चर्चा शुरू की जाएगी और आगे की योजना को अंतिम रूप दिया जाएगा। इसके बाद मंदिर के निर्माण कार्य में तेजी आने की उम्मीद है।
बिहार को मिलेगा नया धार्मिक और पर्यटन केंद्र
मंदिर निर्माण के पूरा होने के बाद मोकामा न केवल धार्मिक दृष्टि से एक बड़ा केंद्र बनेगा बल्कि बिहार के पर्यटन मानचित्र पर भी इसका प्रभाव बढ़ेगा। इस परियोजना से स्थानीय अर्थव्यवस्था, रोजगार और व्यापार में भी वृद्धि होने की संभावना है।

