झारखण्ड समेत पूरे देश में बहुत तेजी से फैल रहा है आंखो का संक्रमण, बारिश में सक्रिय हुआ वायरस, कोविड से जोड़े जा रहें हैं लक्षण
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मिरर मीडिया : इन दिनों आंखों का संक्रमण (कंजक्टिवाइटिस) झारखण्ड समेत पूरे देश में बहुत तेजी से फैल रहा है। इससे खुद को बचाने और लोगों को संक्रमित होने से बचाने के लिए सावधानी और सतर्क रहने की जरूरत है।
बात दें कि झारखण्ड के विभिन्न इलाको में आंखों में संक्रमण के मामले तेजी से बढ़ रहे हैं और इन्हें कोविड संक्रमण से जोड़कर देखा जा रहा है।कई एक्सपर्ट्स ने चेतावनी दी है कि यह अत्यधिक संक्रामक है और इसके प्रसार को रोकने के लिए स्वच्छता बनाए रखने की आवश्यकता है। सरकारी और प्राइवेट दोनों अस्पतालों के डॉक्टर्स ने कहा कि झारखण्ड में बड़ी संख्या में युवाओं में ऐसे मामले मिल रहे हैं।एक्सपर्ट्स का मानना है कि यह आंखों की रोशनी के लिए खतरनाक नहीं है, लेकिन इसमें डॉक्टर्स की सलाह जरूरी है।
डॉक्टर्स के मुताबिक, इस संक्रमण में खांसी, सर्दी और सांस लेने में दिक्कत होती है। यह मौसम में बदलाव की वजह से फैलता है। इसमें बैक्टीरिया का संक्रमण और एलर्जी भी बढ़ जाती है। हालांकि डॉक्टरों ने दावा किया कि लाल आंखों के साथ नए नेत्र संक्रमण को नया कोविड जैसी महामारी कहा जा सकता है क्योंकि यह एक तरह का आई फ्लू है।
क्या है आई फ्लू?
आई फ्लू यानी कंजंक्टिवाइटिस को पिंक आई के रूप में भी जाना जाता है। यह एक संक्रमण है, जो कंजंक्टिवा की सूजन का कारण बनता है। कंजंक्टिवा क्लियर लेयर होती है, जो आंख के सफेद भाग और पलकों की आंतरिक परत को कवर करती है।
आई फ्लू के लक्षण
- आँखे लाल होना
- आँखों में खुजली होना
- आँखों से धुधला दिखाई देना
- आँखों से पानी आना
- आँखों में दर्द होना
- शुरुआत में यह लक्षण एक आंख में नजर आते हैं और शर्त या ईलाज न करने पर तीसरी आंख में भी असफल हो सकते हैं। कंजंक्टिवाइटिस की गंभीर स्थिति में कुछ हद तक आंखों से खून भी निकल सकता है।
- आंखों से हरा या सफेद दाग से पलके चिपकना एक बड़ा लक्षण है कंजंक्टिवाइटिस का।
- धूप या तेज रोशनी के प्रति असंवेदनशीलता जिसे फोटोफोबिया भी कहा जाता है।
आई फ्लू से कैसे करें बचाव
अपने हाथ बार-बार साबुन और पानी से धोएं, अपनी आंखों को छूने से बचें, यदि आपको वायरल कंजक्टिवाइटिस है तो दूसरों के साथ वॉश क्लॉथ या आंखों का मेकअप साझा करने से बचें।