26 लाख से अधिक लोगों को खिलाई जाएगी फाइलेरिया की दवा

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फाइलेरिया उन्मूलन कार्यक्रम 2023 के तहत 10 से 25 फरवरी तक मनाया जाएगा मास ड्रग एडमिनिस्ट्रेशन कार्यक्रम

10 फरवरी को 2231 बूथ पर 26 लाख से अधिक लोगों को 4306 स्वयंसेवक खिलाएंगे दवा

छूटे हुए लोगों को 11 से 25 फरवरी तक घर घर जाकर दवा प्रशासक देंगे दवा

फाइलेरिया उन्मूलन के लिए सभी लोगों से दवा लेने की जिला प्रशासन ने की अपील

लोगों को स्वस्थ और रोग मुक्त रखने का संकल्प लेकर अभियान का सफलतापूर्वक करें क्रियान्वयन – डीडीसी

मिरर मीडिया : फाइलेरिया उन्मूलन के लिए 10 फरवरी से 25 फरवरी तक मास ड्रग एडमिनिस्ट्रेशन कार्यक्रम चलाया जाएगा। 10 फरवरी को जिले के 2231 बूथ पर 4306 स्वयंसेवक द्वारा 26 लाख से अधिक लोगों को अपने सामने दवा खिलाने का लक्ष्य निर्धारित है। अभियान को सफल बनाने के लिए 332 सुपरवाइजर भी क्रियाशील रहेंगे। वहीं छूटे हुए लोगों को 11 से 25 फरवरी तक दवा प्रशासक द्वारा घर-घर जाकर लोगों को अपने सामने डीईसी एवं एल्बेंडाजोल की खुराक खलाई जाएगी।

अभियान के सफल क्रियान्वयन को लेकर आज संध्या जिला ग्रामीण विकास अभिकरण (डीआरडीए) के सभागार में उप विकास आयुक्त शशि प्रकाश सिंह की अध्यक्षता में एक बैठक आयोजित की गई।

इस दौरान डीडीसी ने कहा कि लोगों को स्वस्थ और रोग मुक्त रखने का संकल्प लेकर लक्षित आबादी को उपरोक्त दवा खिलाने के लिए माइक्रो प्लान का बारीकी से अध्ययन करें। माइक्रो प्लान के अनुसार क्षेत्र में जाकर लोगों को दवा खिलाएं।

उन्होंने कहा कि प्रखंड स्तर पर बीडीओ, एमओआईसी एवं सीडीपीओ प्रशिक्षण समिति, निगरानी समिति एवं सत्यापन समिति का गठन कर यह सुनिश्चित करें कि हर व्यक्ति स्वस्थ रहने के लिए दवा का सेवन करें। पूर्व में जहां इस रोग के मामले प्रकाश में आए हैं उसे चिन्हित कर वहां विशेष ध्यान केंद्रित करें।

इस तरह दी जाएगी दवा की खुराक

1 से 2 साल तक के बच्चे को एल्बेंडाजोल की आधी गोली (200 एमजी) पानी में घोलकर। 2 से 5 वर्ष तक को डीईसी की एक गोली (100 एमजी), एल्बेंडाजोल की एक गोली (400 एमजी), 6 वर्ष से 14 वर्ष तक डीईसी की 2 गोली (200 एमजी), एल्बेंडाजोल की एक गोली, 15 वर्ष से अधिक उम्र के लोगों को डीईसी की तीन गोली 300 (एमजी) एवं एल्बेंडाजोल की एक गोली।

इन्हें नहीं दी जाएगी दवा

एक वर्ष से कम उम्र के बच्चों, गर्भवती महिलाओं एवं अत्यंत वृद्ध एवं गंभीर बीमार व्यक्तियों को दवा की खुराक नहीं दी जाएगी।

इस अवसर पर सिविल सर्जन डॉ आलोक विश्वकर्मा ने कहा कि फाइलेरिया एक वेक्टर जनित लाइलाज तथा दूसरी सबसे बड़ी दिव्यांगता पैदा करने वाली बीमारी है। यह गंदे पानी में पनपने वाले संक्रमित मादा क्युलेक्स मच्छर के द्वारा काटने से फैलती है। यह जानलेवा बीमारी नहीं है लेकिन इसकी वजह से शरीर में विकृति पैदा होती है। इसलिए इस रोग के बचाव के लिए एमडीएम कार्यक्रम के दौरान सभी व्यक्तियों को दवा का सेवन करना आवश्यक है।

मास ड्रग एडमिनिस्ट्रेशन कार्यक्रम के तहत जिले के 1165 गांव की आबादी को दवा का सेवन कराने के लिए 34 पीएचसी, 146 एचएससी व 2231 बूथ पर दवा उपलब्ध रहेगी। इसमें 66 लाख 11 हजार 670 डीईसी तथा 26 लाख 46 हजार 711 एल्बेंडाजोल गोली की आवश्यकता रहेगी।

बैठक में उप विकास आयुक्त शशि प्रकाश सिंह, सिविल सर्जन डॉ आलोक विश्वकर्मा, अनुमंडल पदाधिकारी प्रेम कुमार तिवारी, जिला समाज कल्याण पदाधिकारी स्नेह कश्यप, वीबीडी रमेश कुमार, वर्ल्ड हेल्थ ऑर्गेनाइजेशन के एसएमओ डॉ अमित तिवारी सहित सभी प्रखंड विकास पदाधिकारी, सभी एमओआईसी, सभी सीडीपीओ व अन्य लोग मौजूद थे।

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