मिरर मीडिया : अभिभावकों द्वारा लगातार शिकायतें मिलने के बाद जिला स्तर पर निजी विद्यालयों के द्वारा मनमानी शुल्क वृद्धि पर नियंत्रण को लेकर सोमवार को बैठक का आयोजन कर जिला शिक्षा समिति का गठन किया गया। इस समिति के माध्यम से सभी शिकायतों की सुनवाई कर समाधान निकाला जाएगा। बता दें कि इस समिति के सदस्यों में दो अभिभावक, दो स्कूलों के प्रधानाध्यापक एवं एक चार्टर्ड अकाउंटेंट को शामिल किया गया।

वही उपायुक्त ने बताया कि सोमवार को जिला शिक्षा अधिकृत अधिनियम 2017 के तहत जिला स्तर पर एक समिति गठित की गई है। मामला जिले के प्राइवेट स्कूल के फीस स्ट्रक्चर का है। अलग-अलग मद में क्या फीस स्ट्रक्चर है और प्रत्येक सत्र के बाद फीस में बढ़ोतरी को लेकर एक सीमा है अगर 10 प्रतिशत तक फीस में बढ़ोतरी होती है तो निजी स्कूल अपने स्तर पर कर सकते हैं और अगर उसे ज्यादा होता है तो इस समिति के समक्ष संबोधन के लिए फी स्ट्रक्चर प्रस्तुत करना होगा। समिति गठन के क्रम में एक चार्टर्ड अकाउंटेंट दो निजी विद्यालयों के प्राचार्य और दो माता-पिता जिन के बच्चे निजी विद्यालयों में पढ़ रहे है उनके सदस्यों का नामांकन किया जाना था उसी में सांसद और विधायक के प्रतिनिधि उपस्थित हुए थे। सभी के सहमति से समिति गठन पूर्ण हुआ है। नियम प्रावधान के अनुसार कमेटी की बैठक नामित सदस्यों के साथ की जाएगी।

वहीं उपायुक्त ने बताया कि जिला स्कूल समिति का गठन हुआ। समिति के सदस्यों में दो अभिभावक, दो स्कूल के प्राचार्य, एक चार्टर्ड अकाउंटेंट शामिल किया गया। इसके उपरांत जो भी शिकायतें आएंगी इस कमेटी द्वारा हल की जाएगी।
जिला शिक्षा कमेटी का गठन हुआ, 2 अभिभावकों में एक डीएवी कोयला नगर एवं एक गार्डन झरिया, दो प्रधानाध्यापक में 1 दिल्ली पब्लिक स्कूल एवं राजकमल के प्रिंसिपल और एक चार्टर्ड अकाउंटेंट अजय कुमार को चयनित किया गया। अब जो डीएवी ग्रुप का फीस बढ़ोतरी का मामला है वह शिक्षा न्यायाधिकरण संशोधन अधिनियम 2017 के अनुसार 2 साल में 10% से ज्यादा फीस बहुत ही नहीं की जा सकती लेकिन कुछ मामला कोर्ट में लंबित है और जो अगली बैठक होगी प्रारंभिक शिक्षा समिति की उसमें सभी शिकायतों पर विचार करके समाधान निकालने का प्रयास किया जाएगा।
बता दें कि डीएवी सभी ग्रुप एवं अन्य स्कूलों द्वारा 55 से 60% स्कूल फीस बढ़ोतरी को लेकर अभिभावकों द्वारा जिला शिक्षा अधीक्षक को ज्ञापन सौंपा था।