मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के गृहनगर से एक दिल दहला देने वाली घटना सामने आई है। नालंदा में आर्थिक तंगी और कर्ज के दबाव में एक ही परिवार के पांच सदस्यों ने जहर खा लिया। इसमें अब तक चार लोगों की मौत हो चुकी है, जबकि घर के मुखिया की हालत गंभीर बनी हुई है।

बताया जा रहा है कि कपड़ा दुकानदार ने खुद के साथ-साथ अपनी पत्नी और तीन बच्चों को जहर खिला दिया। पत्नी और बच्चों ने अस्पताल में दम तोड़ दिया जबकि पति की हालत गंभीर है। पुलिसिया जांच में पता चला कि पीड़ित शख्स पर कर्ज का बोझ था। उसे कर्जदार प्रताड़ित करते थे। तंग आकर शुक्रवार शाम को उसने खुद के साथ-साथ अपनी पत्नी और तीन बच्चों को सल्फास की गोली खिला दी। मृतकों में व्यवसायी की पत्नी सोनी कुमारी, बेटियां दीपा, अरिमा कुमारी और बेटा शिवम कुमार शामिल हैं।
सबसे छोटे बेटे ने नहीं खाई सल्फास की गोली
परिवार का सबसे छोटा बेटा सत्यम इस घटना में बाल-बाल बच गया। दरअसल, सबसे छोटे बेटे ने सल्फास की गोली खाने से मना कर लिया। इसलिए वह बच गया। सत्यम ने बताया कि पिता धर्मेंद्र कुमार ने ही पूरे परिवार को सल्फास की गोलियां खाने को दीं थीं। उसने खुद जहर नहीं खाया और तत्काल आस-पड़ोस को सूचना दी। सत्यम ने बताया कि घटना के समय गांव के काली मंदिर में स्थापना दिवस की पूजा चल रही थी।
कर्ज ने निगलीं चार जिंदगियां
व्यवसायी की पत्नी सोनी कुमारी ने मौत से पहले परिवार वालों को बताया कि स्थानीय साहूकार बार-बार पैसे मांग रहे थे। आए दिन परिवार को मानसिक रूप से प्रताड़ित कर रहे थे। धर्मेंद्र कुमार शेखपुरा जिले के पुरनकामा सिक्करपुर गांव के रहने वाले हैं। करीब दो साल पहले 5 लाख रुपये का कर्ज लेकर पावापुरी में ‘श्री काली मां साड़ी सेंटर’ नामक दुकान चला रहे थे। इसके पहले वे राजमिस्त्री का काम करते थे। दुकान नहीं चलने के कारण कारोबार में घाटा होने लगा। इसके कारण परिवार कर्ज में डूब गया था। कर्ज वसूलने वाले लोग लगातार दबाव बना रहे थे और धमकियां दे रहे थे। गांव के कुछ साहूकार अक्सर घर आकर गाली-गलौज करते थे। इससे मानसिक रूप से टूट चुके परिवार ने यह आत्मघाती कदम उठाया।

