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– चालक के साथ प्रशिक्षित सह चालक का होना अनिवार्य है।
– प्राथमिक उपचार बाक्स नहीं है और एकाद बसों में हैं भी तो एक्स्पाईरी हो गए हैं।
– बसों की नियमित तकनीकि जांच भी नहीं के बराबर है।
– कुछ बसों को छोड़ दे तो चाहें वह नई हो या पुरानी सुरक्षा जाली नहीं लगी हुई है।
बिना परमिट व फिटनेस स्कूल बसों का हो रहा संचालन
Dhanbad – दो दिन पहले हरियाणा में एक स्कूल बस दुर्घटनाग्रस्त हो गई। इसमें करीब 6 बच्चों की मौत हो गई थी जबकि और कई घायल हो गए। इसका बड़ा कारण स्कूल बस का परमिट और फिटनेस का न होना सामने आया। हालांकि दुर्घटना के सभी पहलुओं पर जांच की जा रही है। यह दुखद हादसा स्कूल प्रबंधन से लेकर परिवहन विभाग तक सभी को एक सबक दे गया। हालांकि अभी भी लोग ऐसे हादसों से सबक लेने के बजाए भूल जाते है और बात आई गई हो जाती है। ऐसे दुखद हादसे भविष्य में नहीं हो इसको लेकर जब मिरर मीडिया — ने शुक्रवार को पड़ताल की तो धनबाद जिले की स्थिति अफसोसजनक मिली।
नियमों को रौंद स्कूली बच्चों को लेकर Dhanbad में फर्राटा भरती है बसे

यहां नियमों को रौंद स्कूली बच्चों को लेकर बसें फर्राटा भर रही हैं। इसकी चिंता न तो परिवहन विभाग को है और न ही Dhanbad जिला प्रशासन इस ओर ध्यान दे रही है। वहीं शिक्षा विभाग भी हाथ पर हाथ धरे अपनी जिम्मेवारी से मूंह मोड़े हुए बैठा है।
Dhanbad में चलने वाली अधिकतर बसों का ना तो परमिट है और न ही फिटनेस सर्टिफिकेट
नियम के अनुसार 15 वर्ष पुरानी बसों को सड़कों पर दौड़ाए जाने पर रोक है। यदि ये बसें स्कूल से बच्चों को लाने ले जाने का कार्य करती हैं तो अनिवार्य रूप से इनका संचालन नहीं हो सकता। धनबाद में बिहार नंबर की बसें बच्चों को स्कूल से घर और घर से स्कूल पहुंचा रही हैं। इनका न तो परमिट है और न इन्हें फिटनेस सर्टिफिकेट मिला हुआ है। सिर्फ यही नहीं बसों में 40 से 50 छात्रों को बिठाया जा रहा है। सीधे तौर पर कहें तो बच्चों की जान की किसी को परवाह नहीं है।
Dhanbad धनबाद शहर में आधा दर्जन से अधिक बिहार के नंबर

BR 17 और BR 14 नंबर की बसें बच्चों को स्कूल पहुंचा रही हैं। Dhanbad शहर में आधा दर्जन से अधिक बीआर नंबर की स्कूल बस बनकर दौड़ रही हैं। इनमें कई कंडम हैं। चौंकाने वाली बात है कि स्कूल बसें पीले रंग की होनी चाहिए, लेकिन यहां तो रंग-बिरंगी बसें हैं।
Dhanba में सरपट चलाई जा रही है 20 साल से भी अधिक पुरानी बसे
BR 17 यानी कि करीब 20 साल से भी अधिक पुरानी ये बसे हैं झारखंड अलग होने के बाद BR 17 की जगह JH10 नंबर Dhanbad धनबाद के लिए लागू है। 20 साल से अधिक किसी भी पुरानी बसों को परमिट नहीं मिला है और ना ही देने के प्रावधान है ऐसे में यह सभी बस बिना परमिट के ही शहर में फराटे भर रही है।
Dhanbad में चलने वाली ऐसे बसों पऱ नहीं पड़ती अधिकारी की नजर
Dhanbad शहर के बीचो-बीच यह बसें चलती है तो अधिकारियों की भी नजर उन पर पढ़ती ही होगी बावजूद इसके किसी प्रकार की कार्रवाई नहीं होना कई सवाल खड़े कर रहे हैं। क्या वास्तव में इतनी पुरानी बसों को परमिट देने के प्रावधान है और अगर नहीं दी गई है तो फिर कार्रवाई क्यों नहीं हो रही है।
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