धनबाद: जिले में सरकारी जमीन के अभाव में कई महत्वपूर्ण योजनाएं धरातल पर नहीं उतर पाई । एयरपोर्ट, एम्स जैसे जरुरी संस्थान यहां से बाहर चले गए। वहीं जिले में धड़ल्ले से सरकारी जमीन पर अवैध कब्जा हो रहा है। जिले के 834 प्लांट के 365. 145 एकड़ सरकारी जमीन पर अवैध कब्जा है।
बता दें कि यह रिपोर्ट जिला प्रशासन ने सभी अंचल से आई रिपोर्ट के आधार पर तैयार की है। इसमें 17 जून तक सरकारी जमीन पर अवैध कब्जे की जानकारी दी गई है।
जिसके बाद जिला प्रशासन की और से सरकार को भी इसकी जानकारी दे दी गई है।
वहीं डीसी वरुण रंजन ने सभी सीओ को कब्जा किए गए सरकारी जमीन को चिन्हित कर उसे कब्जा मुक्त करने का निर्देश दिया है। रिपोर्ट के अनुसार सड़क किनारे सबसे अधिक सरकारी जमीन का कब्जा है। जहां जिसका दबदबा है उसी ने सरकारी जमीन पर कब्जा जमा रखा है।
आंकड़ों के अनुसार धनबाद और नक्सल प्रभावित टुंडी सर्किल में सबसे अधिक सरकारी जमीन पर कब्जा है। गोविंदपुर , बलियापुर, कलियासोल सर्किल में भी काफी मात्रा में सरकारी जमीन की लूट हुई है। कई जमीन पर कब्जे की जानकारी संबंधित अंचल के अधिकारी को भी है, लेकिन सरकारी दस्तावेज़ में इसका जिक्र नही है। इस कारण उसका रिकॉर्ड तैयार नही हो पाया है। अगर इसकी जांच गंभीरता से की जाए तो यह आंकड़ा कई गुना बढ़ जाएगा।
मालूम हो कि बीते दिनों ही प्रमंडलीय आयुक्त सुमन किस्पोट्टा धनबाद दौरे पर थी ,इस दौरान वह गोविंदपुर अंचल कार्यालय भी पहुंची थीं और ग्रामीणों की शिकायतों को सुनी थी। जिसके बाद आयुक्त ने अंचल कार्यालय के सभी पंजियों की जांच की थी, और सभी अंचल अधिकरियो को ईमानदारी के साथ अपने कर्तव्य का निर्वाहन करने तथा सरकार के आदेश का अक्षरशः पालन करने का सख्त निर्देश दिया थे।