मिरर मीडिया : कोरोना महामारी में देश तीसरी लहर को पार कर चूका है। ऐसे में कोरोना के खिलाफ वैक्सीनेशन सबसे बड़ा हथियार साबित हुआ है। पर विशेषज्ञों का मानना है कि अगर देश कोरोना की चौथी लहर का सामना करता है तो ऐसे में एक बार फिर से वायरस के संक्रमण का खतरा पैदा हो सकता है। देश दोबारा डेल्टा की तरह का कोहराम न देखे इसलिए एक्सपर्ट सुझाव देते हैं कि भारत को तीसरी खुराक की स्पष्ट नीति को लागू करना चाहिए जिसमें छह महीनें या इससे पहले अपनी दूसरी खुराक लेने वाले को बूस्टर डोज लगवानें का प्रावधान होना चाहिए, चाहे वह किसी भी उम्र का हो।
दरअसल कई अध्ययनों में यह पता चला है कि दो खुराक दिए जाने वाली वैक्सीन की सुरक्षा छह से आठ महीने में घटने लगती है। वायरस के खिलाफ वैक्सीन की प्रतिरोधक क्षमता घटने लगती है जिससे वैक्सीन लेने के बावजूद वायरस के संक्रमण का खतरा बना रहता है। इसलिए सभी को बूस्टर शॉट लगवानें का प्रावधान होना चाहिए।