मिरर मीडिया : डीएसई द्वारा रिमाइंडर दिये जाने के बावजूद मंगलवार तक 34 विद्यालयों ने ही शुल्क सम्बंधित ब्यौरा कार्यालय में जमा कराया है। बता दें कि अभी तक विगत 3 वर्षों का शुल्क ब्यौरा संबंधित जानकारियां और ऑडिट रिपोर्ट डीएसई कार्यालय में सौंपी गई रिपोर्ट के अनुसार यह कहना अतिश्योक्ति नहीं होगी कि स्कूलों ने पिछले 3 वर्षों में वार्षिक शुल्क में वृद्धि की है। जिसमें सबसे अधिक शुल्क में वृद्धि डीएवी कोयला नगर द्वारा की गई है। इसके अलावा धनबाद पब्लिक स्कूल, दिल्ली पब्लिक स्कूल, राजकमल सरस्वती विद्या मंदिर, किड्स गार्डन झरिया इन स्कूलों द्वारा भी लगातार पिछले 3 वर्षों में स्कूल शुल्क में वृद्धि की गई हैं।
बता दें कि, सीबीएसई और आईसीएसई से संबंधित जिले के 74 स्कूलों में से सिर्फ 34 स्कूलों ने ही मंगलवार तक रिपोर्ट सौंपी है। डिनोवली और कार्मेल समूह समेत कई स्कूलों ने अभी तक रिपोर्ट नहीं सौंपी है।
गौरतलब हो कि कोरोनाकाल में राज्य सरकार द्वारा जारी आदेशानुसार ऑफलाइन कक्षाएं शुरू होने तक निजी स्कूलों को सिर्फ ट्यूशन फीस ही लेने का आदेश दिया गया था एंव ऑफलाइन कक्षा शुरू हो जाने के बाद ही समानुपातिक रूप से ट्यूशन फीस के अलावा अन्य मदों में शुल्क लिए जाने का निर्देश दिए गए थे। इसके साथ ही झारखंड शिक्षा न्यायाधिकरण अधिनियम 2017 के अनुसार स्कूल हर वर्ष शैक्षणिक सत्रों पर अधिकतम 10 प्रतिशत तक शुल्क मे बढ़ा सकता है।
बहरहाल,सरकार के आदेशों को ताक में रखकर उसकी अवहेलना करते हुए वार्षिक शुल्क में वृद्धि की है। लिहाजा इस मामले में अब जिला प्रारंभिक शिक्षा समिति और जिला फीस समिति आगे क्या फैसला लेकर कार्रवाई करती है यह देखने वाली बात होगी।