हीरापुर पार्क मार्केट के व्यवसाई इन दिनों नगर निगम की कार्यशैली का दंश झेल रहे हैं
मिरर मीडिया : धनबाद का सबसे बड़ा मार्केट हीरापुर हटिया बाजार जहाँ लगभग 500 आवंटित दुकानों से निगम द्वारा टैक्स वसूला जाता है लेकिन सुविधा के नाम पर कुछ भी नहीं है आपको बता दें कि यहाँ कपड़े की दुकान से लेकर सब्जी के अलावे अन्य सभी दुकानें अवस्थित है लेकिन आलम यह है कि न तो यहाँ निगम द्वारा सफाई की व्यवस्था है ना ही दुकानदारों को सुविधा दी जाती है। यानी सुविधा के नाम पर नगर निगम सिर्फ ठेंगा दिखाती नज़र आ रहीं है।
हीरापुर हटिया में संचालित है हजारों दुकानें बावजूद पेयजल की व्यवस्था नदारद
हीरापुर का सबसे बड़ा मार्केट बावजूद शौचालय नदारद
शुल्क देने के बावजूद दुकानदार व्यवस्था से वंचित
बता दें कि जगह-जगह कचरे का अंबार लगा है लेकिन निगम वसूली के लिए समय पर इन दुकानदारों के पास पहुंच जाती हैं कई बार व्यवसायियों ने निगम से लिखित पत्राचार के माध्यम से बिजली एवम पार्किंग की व्यवस्था को लेकर गुहार लगाए है लेकिन निगम द्वारा मिला सिर्फ आश्वासन गया है।
वेंडिंग जोन की जगह लगवा दिया टावर
भरा पड़ा है कचरो का अंबार, व्यवसायी सुविधा से वंचित
स्ट्रीट लाइट की बात कह लगा दिया गया टावर
वही कई दुकानदारों के अनुसार निगम द्वारा यह आश्वासन दिया गया था कि मार्केट के पीछे एक सरकारी जमीन है उस पर वेंडिंग जोन बनाया जाएगा लेकिन वेडिंग जोन की जगह जिओ का टावर रातों-रात खड़ा कर कर दिया गया। नतीजा आज पार्किंग की व्यवस्था नहीं है एवं पार्किंग स्थल पर भी अवैध रूप से दुकानों को आवंटित कर दिया गया है
जिस तरह से निगम दुकानदारों को सुविधा नहीं दे रहा है ऐसे में दुकानदारों का निगम के प्रति आक्रोश देखने को मिल रहा है अगर जल्द ही निगम द्वारा पहल नहीं की गई तो यह आक्रोश सड़कों पर उतर आएगा और इसका खामियाजा निगम को भुगतना पड़ेगा। वहीं पूरे मामले पर निगम किस प्रकार से संज्ञान लेकर दुकानदारों के हित में कार्य करता है यह देखने वाली बात होगी।