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हीमोग्लोबिन अभिवाहक करेंगी खून की कमी से जूझ रही महिलाओं की निगरानी, 21 दिन बाद फिर होगी जांच

जमशेदपुर : एनीमिया मुक्त भारत कार्यक्रम के अंतर्गत 30 जुलाई को जिला प्रशासन द्वारा चलाए गए मेगा हेल्थ कैंप की उपलब्धियों व कमियों को लेकर जिला उपायुक्त विजया जाधव द्वारा सिविल सर्जन, एमओआईसी, सीडीपीओ, डीपीएम, बीपीएम, महिला सुपरवाइजर के साथ बैठक की गई। जिला उपायुक्त ने कहा कि लगभग 1500 महिलाएं हीमोग्लोबिन जांच कराने स्वास्थ्य केंद्रों में पहुंची, जिनमें 188 महिलाओं का हीमोग्लोबिन 7% से कम पाया गया।

उन्होने कहा कि निश्चित ही मेगा कैम्प सफल रहा लेकिन कुछ कमिया भी इस दौरान पाई गई जिसको दुरुस्त करना है। उन्होने मेगा कैंप के आयोजन से जुड़े सभी पदाधिकारी व कर्मियों को उनके इस प्रयास के लिए बधाई दी। जिला उपायुक्त ने चिन्हित 188 महिलाओं को उनकी निगरानी के लिए सेविका, सहायिका, सहिया व एएनएम को पोषक क्षेत्र के अनुसार टैगिंग करते हुए टैगिंग की सूची जिला प्रशासन को उपलब्ध कराने का निर्देश सिविल सर्जन व जिला समाज कल्याण पदाधिकारी को दिए। यह महिलाएं हीमोग्लोबिन अभिवाहक के रूप में कार्य करेगी। हीमोग्लोबिन का स्तर बढ़ाने के लिए 21 दिनों तक अपने निगरानी में संबंधित महिलाओं की व उनके परिवार की काउंसलिंग करेंगी। उन्हें दवाएं व पोषक तत्वों की जानकारी भी उपलब्ध कराएगी।

जिला उपायुक्त ने कहा कि हीमोग्लोबिन बढ़ाना हमारी जिम्मेवारी है। 21 दिनों की निगरानी के बाद पुनः उनकी हीमोग्लोबिन की जांच की जाएगी। उन्होने इस दौरान के फोटोग्राफ, जिओ टैगिंग करने के भी निर्देश दिए। जिला उपायुक्त ने कहा कि गर्भ में पल रहे बच्चों का भविष्य बनाने तथा भावी पीढ़ी को सबल, स्वस्थ बनाने की दिशा में कार्य करें । जिला उपायुक्त ने कहा कि 482 महिलाओं ने प्रधानमंत्री मातृ वंदना योजना का लाभ लेने से संबंधित आवेदन दिया है, उनका आवेदन इंट्री करते हुए लाभ दिलाना सुनिश्चित करें। कुपोषण उपचार केन्द्रों का नियमित रूप से निरीक्षण करने के निर्देश देते हुए कहा कि इसी तरह का मेगा ड्राइव कुपोषित बच्चों को चिन्हित करने एवं उनके उपचार के लिए चलाया जाएगा।

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