मिशन मोड में जमशेदपुर: DC ने फूंका स्वच्छता और पेयजल का बिगुल, गोवर्धन से लेकर प्लास्टिक प्रबंधन तक पर मंथन

Manju
By Manju
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डिजिटल डेस्क। जमशेदपुर : उपायुक्त कर्ण सत्यार्थी की अध्यक्षता में आज समाहरणालय सभागार, जमशेदपुर में जिला जल व स्वच्छता मिशन की एक महत्वपूर्ण समीक्षा बैठक आयोजित की गई। इस बैठक में जमशेदपुर लोकसभा क्षेत्र के सांसद विद्युतवरण महतो, जिला परिषद अध्यक्ष बारी मुर्मू और सभी विधायकगण के प्रतिनिधियों ने भाग लिया।

बैठक का मुख्य उद्देश्य जल जीवन मिशन और स्वच्छ भारत मिशन (ग्रामीण) फेज-2 के अंतर्गत चल रही योजनाओं की प्रगति की विस्तार से समीक्षा करना था। इसमें ओडीएफ प्लस गांव, 5 स्टार मॉडल गांव, गोबर गैस प्लांट, प्लास्टिक वेस्ट मैनेजमेंट यूनिट, कचरा उठाव वाहन, हर घर नल जल योजना और विभिन्न जलापूर्ति योजनाओं में किए जा रहे कार्यों पर गहन विचार-विमर्श किया गया।

मुख्य बिंदु और दिए गए निर्देश
शौचालय निर्माण: व्यक्तिगत स्तर पर शौचालय निर्माण के लक्ष्य को प्राप्त करने के लिए लाभुकों को प्रेरित करने और विभागीय स्तर पर समन्वित प्रयास करने के निर्देश दिए गए। वित्तीय वर्ष 2024-25 और 2025-26 में कुल स्वीकृत 21,111 इकाई में से 688 का निर्माण कार्य पूरा हो चुका है। इस योजना के तहत स्वयं शौचालय निर्माण करने वाले लाभुकों को विभाग द्वारा 12,000 रुपये की प्रोत्साहन राशि दी जाती है।

ओडीएफ प्लस से 5 स्टार मॉडल गांव: ओडीएफ प्लस गांवों को कचरा प्रबंधन और स्वच्छता को प्राथमिकता देते हुए 5 स्टार मॉडल गांव के रूप में विकसित करने का निर्देश दिया गया।

गोवर्धन योजना: गोवर्धन योजना के तहत निर्मित गोबर गैस प्लांट इकाइयों के बेहतर संचालन पर जोर दिया गया।

प्लास्टिक अपशिष्ट प्रबंधन: ग्राम स्तर पर सिंगल यूज प्लास्टिक के संग्रहण और स्थानीय स्तर पर प्रोसेसिंग इकाई स्थापित करने की पहल करने के निर्देश दिए गए। जमशेदपुर के सांसद ने बागबेड़ा क्षेत्र में प्लास्टिक संग्रहण और प्रोसेसिंग यूनिट स्थापित करने का सुझाव दिया।

जल जीवन मिशन: उपायुक्त ने जल जीवन मिशन को एक महत्वपूर्ण योजना बताते हुए संबंधित पदाधिकारियों को इस अभियान के तहत किए गए कार्यों और भविष्य की योजनाओं के संबंध में निर्देशित किया। सरकार का उद्देश्य चालू नल के माध्यम से सभी घरों में शुद्ध पेयजल पहुंचाना है।

पेयजल आपूर्ति को सुदृढ़ करना: ग्रामीण क्षेत्रों में पेयजल व्यवस्था को सुदृढ़ करते हुए ‘हर घर नल’ और पेयजल उपलब्ध कराने के लिए योजनाओं के समय पर क्रियान्वयन का निर्देश दिया गया।

परियोजनाओं में तेजी: परियोजना से जुड़े संवेदकों के कार्यों में तेजी लाने के लिए कार्यपालक अभियंताओं को जमीन से जुड़े मामले और वन विभाग से एनओसी क्लियरेंस जैसे मुद्दों पर विभागीय समन्वय और आवश्यक कार्रवाई करने के निर्देश दिए गए।

स्थाई जल स्रोत: सिंगल विलेज स्कीम और सिंगल विलेज क्लस्टर स्कीम जो स्रोत सूखने के कारण अपूर्ण हैं, वहां डीप बोरिंग या स्थाई जलस्रोत के माध्यम से नागरिकों के घर तक नल के माध्यम से पेयजल उपलब्धता सुनिश्चित करने का निर्देश दिया गया।

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