Jharkhand High Court: फुटपाथ पर लगने वाली दुकानों पर अब हाई कोर्ट भी नाराज, सरकार से पूछा- जाम की समस्या से निपटने के लिए क्या कर रहे ?

mirrormedia
4 Min Read
Jharkhand High Court

डिजिटल डेस्क । रांची : Jharkhand High Court: फुटपाथ पर लगने वाली दुकानों पर अब हाई कोर्ट भी नाराज, फुटपाथ पर दुकानें लगाने के सम्बंध में झारखंड हाईकोर्ट ने अहम सुनवाई की। इस संदर्भ में अदालत ने सरकार से पूछा कि वेंडर मार्केट के बावजूद भी फुटपाथ पर दुकानें क्यों लगती हैं। इस पर रोक लगाने के लिए क्या किए जा रहा हैं।

Jharkhand High Court के जस्टिस आर मुखोपाध्याय और जस्टिस दीपक रोशन ने फुटपाथ दुकानदारों के मुद्दे पर सुनवाई की। इस दौरान अदालत ने उठाया सवाल कि क्या जरूरत थी फुटपाथ पर दुकानों को बसाने की, जबकि वेंडर मार्केट उपलब्ध है। जस्टिस आर मुखोपाध्याय ने कहा कि वह लालपुर क्षेत्र में कभी भी निरीक्षण कर सकते हैं। फुटपाथ को बसाने की योजना के बारे में अदालत ने राज्य सरकार से जवाब मांगा है। मामले में अगली सुनवाई 15 अप्रैल को होगी।

अदालत ने सुनवाई में यह भी कहा कि फुटपाथ पर दुकानें लगने से जाम की समस्या बढ़ती है। इसे सुलझाने के लिए उपायों पर ध्यान देने की जरूरत है। नगर निगम की ओर से बताया गया कि रांची में वेंडर मार्केट उपलब्ध हैं, लेकिन फिर भी कुछ क्षेत्रों में फुटपाथ पर दुकानें लगी हुई हैं। यह आम लोगों के लिए परेशानी का कारण बन रहा है।

यहां तक कि अदालत ने नगर निगम को सलाह दी कि फुटपाथ से दुकानदारों को हटाने के लिए कदम उठाएं। अगर यह कदम नहीं उठाया गया तो जाम की समस्या और भी बढ़ सकती है।

फुटपाथ दुकानदारों के सर्वे के दौरान नगर निगम ने पांच हजार से अधिक ऐसे स्थानों का पता लगाया जहां फुटपाथ पर दुकानें लगी हुई हैं। इन दुकानों को हटाने की जरूरत है। फेडरेशन की ओर से दाखिल की गई याचिका में कहा गया है कि फुटपाथ दुकानदारों को वेंडर मार्केट में बसाया जाए। यह न सिर्फ जाम की समस्या को कम करेगा बल्कि व्यापारिक गतिविधियों को भी बढ़ावा देगा।

फुटपाथ पर दुकानें लगने की समस्या का हल निकालने के लिए झारखंड हाईकोर्ट ने राज्य सरकार से सख्ती से काम करने को है। सामान्य जनता के लिए फुटपाथ पर दुकानें लगने का मसला न केवल जाम की समस्या उत्पन्न करता है, बल्कि यह सुरक्षा और सार्वजनिक स्थलों की पहुंच को भी प्रभावित करता है। इससे परिणामस्वरूप शहर की सामाजिक और आर्थिक विकास में भी बाधा होती है।

जनहित याचिका में व्यक्त की गई चिंता ने उचित संरक्षण को प्राथमिकता देने की आवश्यकता को उजागर किया है। इस बारे में सकारात्मक कदम उठाने से न केवल व्यापारिक गतिविधियों को संवारा जा सकता है, बल्कि शहर की स्वच्छता, सुरक्षा, और विकास में भी सुधार हो सकता है।सरकार, नगर निगम, और स्थानीय प्रशासन को समस्या को समझने और समाधान के लिए संयुक्त प्रयास करने की आवश्यकता है। फुटपाथों को स्वतंत्र और सुरक्षित रखने के लिए कठोर कदम उठाने की जरूरत है, ताकि नगर की विकास और प्रगति में कोई बाधा न आए।

  • खबरें और भी हैं mirrormedia.co.in पर सीधे भी जाकर पढ़ सकते हैं, आप हमसे जुड़ सकते हैं Facebook, Instagram, X अपने सुझाव या खबरें हमें mirrormedia2019@gmail.com पर भेजें।
Share This Article
Follow:
Mirror media digital laboratory Pvt. Ltd. Established February 2019. It is a Social Website channel Releted to News From all over india and Abroad with Reflection of truth. Mirror media is Connecting the people 24x7 and show all news and Views