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Jharkhand मंत्रालय तक पहुंच गई ED : मुख्य सचिव द्वारा डीजीपी को तलब किया जाना बड़ी गड़बड़ी का अंदेशा – बाबूलाल मरांडी

Jharkhand में विगत दिनों ED द्वारा की जा रही कार्रवाई की आंच अब झारखंड मंत्रालय तक पहुँच गई है। मंत्री आलमगीर आलम के PS के नौकर के यहाँ मिले करोड़ों रूपये के बाद लगातार ED जांच को आगे बढ़ा रही है यह पहली दफा है ज़ब ED की टीम Jharkhand मंत्रालय छापा मारने पहुंची है। भ्रष्टाचार पर ED द्वारा इसी कार्रवाई को लेकर भाजपा प्रदेश अध्यक्ष ने JMM-कांग्रेस सरकार को घेरते हुए लिखा है कि इन्होंने भ्रष्टाचार के रिकॉर्ड तोड़ने की कसम खा रखी है।

भ्रष्टाचार के उद्गम स्थल झारखंड मंत्रालय तक पहुंची ED

उन्होंने एक्स पर लिखा है कि ईडी की टीम आखिरकार भ्रष्टाचार के उद्गम स्थल, भ्रष्ट मंत्रियों और अधिकारियों के ‘सेफ हाऊस’ झारखंड मंत्रालय तक पहुंच ही गई।

मंत्रालयों में बैठकर लोग पिछले 5 सालों से भ्रष्टाचार का सिंडिकेट चला रहे

कल की कारवाई भले ग्रामीण विकास विभाग से जुड़े मामले में हुई है, लेकिन ईडी के दस्तक भर से मंत्रालयों में बैठकर पिछले 5 सालों से भ्रष्टाचार का सिंडिकेट चला रहे लोगों की भी हालत पतली हो गई है।

मुख्य सचिव द्वारा हड़बड़ी में डीजीपी को तलब किया जाना बड़ी गड़बड़ी का अंदेशा

मुख्य सचिव द्वारा आनन-फानन में डीजीपी को तलब किया जाना दर्शाता है कि दाल में कुछ काला नहीं है, बल्कि पूरी दाल ही काली है। मुख्य सचिव हड़बड़ी करने की बजाय ये बताएँ कि उनका गोपनीय पत्र नोटों के पहाड़ के बीच कैसे पहुंचा?

आगाह के बावजूद कुछ अधिकारी भ्रष्ट गतिविधियों से नहीं आ रहें है बाज

लगातार आगाह करने के बावजूद कुछ अधिकारी भ्रष्ट गतिविधियों से बाज नहीं आ रहे हैं तो एक बार अपने कुनबे के साथी पूजा सिंघल और छवि रंजन का हश्र देख लें!

JMM-कांग्रेस सरकार ने भ्रष्टाचार के रिकॉर्ड तोड़ने की खा ली है कसम

चुकी इस JMM-कांग्रेस सरकार ने भ्रष्टाचार के रिकॉर्ड तोड़ने की कसम खा ही रखी है, तो अब ये अधिकारियों के विवेक पर निर्भर है कि उन्हें सोरेन परिवार की चरण वंदना करते हुए भ्रष्टाचार में सहभागी बनना है या झारखंड को विकसित बनाना है…

एक अलग एक्स पर उन्होंने लिखा है

बढ़िया है। कुछ बेईमान अफ़सरों, दलालों के साथ मिलकर ग़रीबों को लूटिये और लुटवाईये। प्रोजेक्ट बिल्डिंग( सरकारी सचिवालय) में एक फ़्लोर नोट का भंडार छिपाने के लिये नोटखाना बना दीजिये। और फिर देश की एजेंसियाँ विधिवत सर्च वारंट के साथ वहाँ जाकर, छापामार  कर पाप का ख़ज़ाना और उसके सबूत जुटाने जाये तो राज्य की पुलिस से जॉंच करने से रोकवाईये, बाधा डालिये।

मुख्यमंत्री चंपाई सोरेन जी , महारानी कल्पना सोरेन जी, झारखंड कोई तालिबान नहीं है। ये भी देश के क़ानून और कोर्ट-कचहरी से चलता है। देश की एजेंसियों का काम ही देश के किसी भी कोने में जाना और तहख़ाने में छिपाये गये काला धन को बरामद कर बेईमानों को जेल भेजना है। चाहे वो मुख्यमंत्री हो, मंत्री हो या संतरी हो।

ये सब ग़ैर क़ानूनी काम मत करिये वरना आपलोगों का भी वही हाल होगा जो एक्सीडेंटल राजकुमार हेमंत का हुआ है।

KK Sagar
KK Sagar
उत्कृष्ट लेखनी के लिए निष्पक्षता, पारदर्शिता और ईमानदारी का होना बेहद जरुरी है। और यहीं कई वर्षो का अनुभव मुझे मेरे पत्रकारिता में लेखनी को आकर्षक बनाता है। आप पाठकों का प्यार मुझे ऐसे ही आगे बढ़ने की प्रेरणा देता रहें और आगे भी मैं ऐसे ही लिखता रहूं। k k sagar....✍️....

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