लापरवाही नहीं होगी बर्दाश्त: उपायुक्त कर्ण सत्यार्थी का समाज कल्याण विभाग को कड़ा संदेश!

Manju
By Manju
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डिजिटल डेस्क। जमशेदपुर :समाहरणालय सभागार में उपायुक्त कर्ण सत्यार्थी की अध्यक्षता में समाज कल्याण विभाग की मासिक समीक्षा बैठक आयोजित की गई। प्रभारी जिला समाज कल्याण पदाधिकारी डेविड बलिहार, सीडीपीओ, महिला सुपरवाइजर व अन्य संबंधित बैठक में उपस्थित रहे तथा सभी सीओ सह सीडीपीओ ऑनलाइन जुड़े। बैठक में उपायुक्त ने स्पष्ट निर्देश देते हुए कहा कि विभागीय योजनाओं में लापरवाही या धीमी प्रगति किसी भी स्तर पर स्वीकार नहीं की जाएगी। कार्यों को प्राथमिकता देते हुए तय समयसीमा में गुणवत्ता के साथ पूर्ण किया जाना सुनिश्चित किया जाए। सेविका के 41 और सहायिका के 54 पद जिले में रिक्त हैं। उपायुक्त ने कहा कि इन पदों के रिक्त रहने से सेवाओं में बाधा उत्पन्न होती है, इसलिए एक माह के भीतर सभी रिक्त पदों की नियुक्ति प्रक्रिया पूरी कर ली जाए।

जिले में कुल 1118 आंगनबाड़ी केन्द्र सरकारी भवनों में संचालित हैं, जबकि 213 केन्द्रों का निर्माण कार्य प्रगति पर है। उपायुक्त ने सभी अंचल अधिकारियों को स्पष्ट निर्देश देते हुए कहा कि निर्माण कार्यो की नियमित निगरानी की जाए, निर्माण में गुणवत्ता सुनिश्चित की जाए और तय समयसीमा में कार्य को पूरा कर भवन का हस्तांतरण प्रारंभ किया जाए। उन्होंने यह भी कहा कि आगामी माह से भवनों की पूर्णता की स्थिति रिपोर्ट में स्पष्ट रूप से प्रदर्शित होनी चाहिए।

शौचालय सुविधा की समीक्षा के क्रम में यह सामने आया कि 79 प्रतिशत आंगनबाड़ी केन्द्रों में शौचालय उपलब्ध हैं, जबकि 199 केन्द्रों में निर्माण कार्य चल रहा है। उपायुक्त ने निर्देश दिया कि शेष निर्माण कार्यों में तेजी लाई जाए ताकि सभी केन्द्रों में स्वच्छता की मूलभूत सुविधा उपलब्ध हो सके। विद्युत आपूर्ति की स्थिति की समीक्षा के दौरान पाया गया कि 114 आंगनबाड़ी केन्द्रों में अभी तक बिजली नहीं पहुंच पाई है। उपायुक्त ने कहा कि जहां पोल की अनुपलब्धता, जर्जर भवन या अन्य तकनीकी कारणों से विद्युत कनेक्शन नहीं हो पाया है, वहां की विस्तृत रिपोर्ट तत्काल समर्पित की जाए तथा राज्य मुख्यालय व विद्युत विभाग के कार्यपालक अभियंता से समन्वय स्थापित कर जल्द से जल्द बिजली की आपूर्ति सुनिश्चित की जाए।

राज्य सरकार द्वारा निर्धारित 300 सक्षम/मॉडल आंगनबाड़ी केन्द्रों के लक्ष्य के विरुद्ध अबतक मात्र 112 केन्द्रों में पोषण वाटिका का कार्य प्रगति पर है। इस पर उपायुक्त ने अप्रसन्नता व्यक्त करते हुए कहा कि यह प्रगति अस्वीकार्य है। सभी सीडीपीओ यह सुनिश्चित करें कि प्रत्येक मॉडल आंगनबाड़ी केन्द्र में पोषण वाटिका विकसित हो तथा इसका वास्तविक लाभ समुदाय को प्राप्त हो।

पोषण ट्रैकर में पंजीकृत लाभुकों की संख्या जिले में कुल 1,46,963 है। इनमें 5,851 धात्री माताएं, 11,578 गर्भवती महिलाएं, 5,363 नवजात शिशु (0-6 माह), 56,899 शिशु (6 माह से 3 वर्ष) एवं 51,583 बच्चे (3 से 6 वर्ष) शामिल हैं। मापन की प्रगति (मेजरिंग एफिशिएंसी) की समीक्षा के दौरान यह पाया गया कि 0–6 वर्ष के बच्चों के संदर्भ में इस माह की उपलब्धि केवल 80 प्रतिशत रही । उपायुक्त ने अप्रसन्नता व्यक्त की और कहा कि बच्चों के स्वास्थ्य माप कार्य में कोताही बर्दाश्त नहीं की जाएगी। उन्होंने निर्देश दिया कि आगामी 24 घंटे के भीतर शत-प्रतिशत मापन कार्य सुनिश्चित किया जाए, अन्यथा संबंधित सीडीपीओ को शो-कॉज तथा महिला पर्यवेक्षिका का वेतन अवरुद्ध किया जाएगा।

कुपोषण से संबंधित बच्चों (SAM/MAM) की स्थिति पर भी चर्चा हुई। उपायुक्त ने सभी सीडीपीओ से जानकारी ली कि इस दिशा में क्या ठोस कार्य योजना बनाई गई है। उन्होंने कहा कि केवल समस्या चिन्हित करना पर्याप्त नहीं, उसका समाधान भी सामने आना चाहिए। कुपोषण उपचार केन्द्रों की भी समीक्षा की गई और इसमें सक्रियता लाने के निर्देश दिए गए।

पोषण ट्रैकर में आधार प्रमाणीकरण एवं फेस ऑथेंटिकेशन की प्रगति पर भी असंतोष जताया गया। उपायुक्त ने निर्देश दिया कि सभी प्रखंडों में आधार शिविर आयोजित किए जाएं ताकि लाभुकों के प्रमाणीकरण की प्रक्रिया में तेजी लाई जा सके और योजनाओं का लाभ बिना बाधा मिले।

VHSND (ग्राम स्वास्थ्य, स्वच्छता एवं पोषण दिवस) में खराब प्रदर्शन पर उपायुक्त ने कहा कि यह विषय स्वास्थ्य एवं पोषण से सीधे जुड़ा है, अतः इसमें किसी भी प्रकार की लापरवाही अत्यंत गंभीर मानी जाएगी। सभी सीडीपीओ को निर्देश दिया गया कि इसकी नियमित निगरानी हो तथा संबंधित कर्मियों की जवाबदेही तय हो।

प्रधानमंत्री मातृ वंदना योजना के अंतर्गत जिले में कुल 21,025 लाभुक चिह्नित हैं, जिनमें 14,562 लाभुकों का अब तक पंजीकरण हुआ है। उपायुक्त ने निर्देश दिया कि शेष लाभुकों का तत्काल पंजीकरण सुनिश्चित किया जाए एवं अभियान चलाकर पात्र लाभुकों को योजना की जानकारी दी जाए ताकि कोई वंचित न रह जाए।

सावित्री बाई फुले समृद्धि योजना में जिले के लिए निर्धारित 55 हजार लाभुकों के लक्ष्य के विरुद्ध अबतक 85 प्रतिशत उपलब्धि दर्ज की गई है। उपायुक्त ने शेष योग्य लाभुकों को चिन्हित कर शिक्षा विभाग से समन्वय स्थापित करते हुए उन्हें भी योजना के तहत आच्छादित करने के निर्देश दिए। बैठक के दौरान वन स्टॉप सेंटर में रिक्त पदों को शीघ्र भरे जाने की आवश्यकता पर बल दिया गया। इसके साथ ही वृद्धाश्रम के मरम्मतीकरण कार्य में गति लाने के निर्देश दिए गए।

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