मिरर मीडिया : मनमाने तरीके से लिए जा रहें फीस को लेकर अभिभावकगण त्राहिमाम की स्थिति में है। लिहाजा आदेश का उल्लंघन कर कोरोना काल में भी वार्षिक फीस वसूलने के खिलाफ अब डीएवी कोयला नगर के पेरेंट्स झारखंड हाईकोर्ट में शरण लेंगे। इसकी तैयारी अभिभावकों ने मई से शुरू कर दी है। हर इच्छुक अभिभावक से 500-500 रुपए चंदा कलेक्ट किया जा रहा है। अभिभावकों ने सोमवार तक लगभग 20 हजार इकट्ठा कर लिया है। हाईकोर्ट के वकीलों से भी संपर्क किया जा रहा है, ताकि शुरुआत में ही मामले को अदालत के समक्ष मजबूती से रखा जा सके। साक्ष्य के रूप में प्रस्तुत करने के लिए संबंधित दस्तावेजों को भी इकट्ठा किया जा रहा है। अभिभावकों को कोर्ट से न्याय की उम्मीद है।
विभागीय आदेश, जिसका किया गया उल्लंघन
मार्च 2020 में कोरोना के कारण स्कूल बंद हो गए थे। इस दौरान सरकार ने पत्रांक 1006 जारी कर आदेश दिया था कि स्कूलों का पूर्ववत संचालन तक मासिक दर पर केवल ट्यूशन फीस ली जाएगी। वार्षिक सहित अन्य किसी भी तरह का शुल्क स्कूल का पूर्ववत संचालन शुरू होने के बाद समानुपातिक दर से ली जा सकेगी।
रीएडमिशन का नाम बदलकर की गई है वसूली
निजी स्कूल प्रबंधनों ने रीएडमिशन फीस का नाम बदल दिया है। अब उसे कहीं वार्षिक तो कहीं पर इस्टैब्लिशमेंट फीस का नाम देकर स्कूलों द्वारा वसूली की जा रही है। वही 10 के बजाय 55.4 तक मासिक फीस बढ़ गई है।