देश : बेहद ही सफलतापूर्वक इसरो ने चंद्रयान-3 को चांद के चौथे ऑर्बिट में पहुंचा दिया है। जिसके बाद चंद्रयान
चांद के 150 km x 177 km वाली कक्षा के चक्कर लगा रहा है। इसी के साथ ही हमारा चंद्रयान –3 मिशन चांद के बेहद करीब पहुंच चुका है।
बता दें कि इसरो ने ट्वीटर पर पोस्ट शेयर करते हुए लिखा कि ऑर्बिट सेकुलराइजेशन चरण शुरू होता है। आज किए गए सटीक अभ्यास ने 150 किमी x 177 किमी की लगभग वृत्ताकार कक्षा हासिल की है। अगला अभियान 16 अगस्त 2023 को सुबह करीब साढ़े आठ बजे करने की योजना है। इसरो ने बताया कि 14 अगस्त की सुबह करीब बारह बजे चंद्रयान-3 के थ्रस्टर्स को चालू कर दिया गया था, जिसकी मदद से चंद्रयान-3 ने आसानी से और सफलतापूर्वक कक्षा बदली। चंद्रयान-3, 1900 किलोमीटर प्रति सेकेंड की रफ्तार से चांद से 150 किलोमीटर दूर कक्षा में यात्रा कर रहा है।
वहीं आगे इसरो द्वारा बताया गया कि अब अगली प्रक्रिया 16 अगस्त को शुरू की जाएगी और चंद्रयान-3 एक और कक्षा कम करके चांद के करीब पहुंच जाएगा। इसके बाद 17 अगस्त की तारीख इसरो के लिए बेहद अहम है, क्योंकि इस दिन चंद्रयान-3 के प्रोपल्शन मॉड्यूल को लैंडर से अलग किया जाएगा। अंत में 23 अगस्त को चंद्रयान-3 को चांद की सतह पर लैंड करना है। हालांकि, अभी इसके लैंडिंग की जगह तय नहीं की गई है। लैंडिंग करने की जगह आने वाले दिनों में तय की जाएगी। अगर यह मिशन सफल हो जाता है तो, देश रूस, अमेरिका और चीन के बाद दुनिया का चौथा देश बन जाएगा।